नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल को देश की लोकतांत्रिक परंपरा के लिए गहरा आघात करार दिया है। उन्होंने कहा कि आपातकाल ने राष्ट्र का बहुत नुकसान किया,यह भारत की लोकतांत्रिक परंपरा पर एक हमला था।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 113वीं जयंती के अवसर पर रविवार को यहां विज्ञान भवन में आयोजित लोकतंत्र प्रहरी अभिनदंन कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हम आज जेपी नारायणजी की जयंती मना रहे हैं, यह सुखद संयोग है, 11 अक्टूबर नानाजी देशमुख की भी जयंती है।
उन्होंने कहा कि शासकों ने जेपी को मौत के घाट उतारने वाला हमला बोल दिया, अगर नाना जी अपने शरीर पर ना झेलते तो शायद जेपी जी नहीं बच पाते।
उन्होंने कहा कि गांधी, जेपी नारायण जैसे महापुरूषों को याद करते हैं तो हिन्दुस्तान का गांव तुरंत जुड जाता है। नानाजी देशमुख ने जेपी नारायण जी के ‘संपूर्ण क्रांति’ के विचार को गांवों में कार्यान्वित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल ने हिन्दुस्तान की लोकतांत्रिक परंपरा को गहरा धक्का लगा दिया, लेकिन कभी कभी अकस्मात में से भी अच्छाईयां जन्म लेती हैं।
आपातकाल ने राष्ट्र का बहुत नुकसान किया है,यह भारत की लोकतांत्रिक परंपरा पर एक हमला था। लेकिन कभी-कभी ऐसी आपातकाल अच्छी चीजों को जन्म देते हैं, जेपी आंदोलन, नवनिर्माण आंदोलन ने नए प्रकार की राजनीति का मार्ग प्रशस्त किया।
उन्होंने कहा कि देश की मीडिया की और चीजों में पसंद—नापसंद हो सकती है, लेकिन उन्हें कभी भी इस देश को आपातकाल के दिन भूलने नहीं देने चाहिए। हर बार स्मरण करना चाहिए क्योंकि आपातकाल ने सबसे बडा हमला मीडिया की स्वतंत्रता पर बोला था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं समझता हूं कि प्रकाश सिंह बादल साहब भारत के नेल्सन मंडेला हैं। इस महान नेता ने स्वतंत्र भारत में चुनाव कारणों के लिए लगभग दो दशक जेल में बिताये।
कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले 16 लोगों को सम्मानित भी किया।