नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हम अविष्कार तो कर लेते हैं लेकिन कभी आम लोगों को उनका लाभ नहीं मिलता है। कोई भी तकनीक तभी कामयाब होती है, जब वो देश की सामान्य मानविकी के काम आए।
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि आधुनिक युग में कोई भी देश तब तक विकसित नहीं हुआ जब तक उसे विज्ञान और तकनीक का साथ नहीं मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) के 75वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह का शुभारंभ करते हुए कहा कि गर्व की बात है कि सीएसआईआर भारत को विकसित बनाने में अपने योगदान का 75वां उत्सव मना रहा है।
उन्होंने कहा कि हम बहुत सारे अनुसंधान करते हैं, लेकिन क्या ‘समयबद्ध’ डिलीवरी हमारा एजेंडा बन सकता है? हाल ही में सीएसआईआर ने डायबीटीज के मरीजों के लिए देश की पहली आयुर्वेदिक दवा बनाई है। इस बारे में लोगों को जागरूक बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोशिश होनी चाहिए कि सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं में ज्यादा से ज्यादा छात्रों को भी रिसर्च का मौका मिले। इसके साथ ही उन्हें चाहिए की यह बिजनस करने को आसान बनाए ताकि सभी स्टेकहोल्डर्स को सही प्लैटफॉर्म मिले और टेक्नॉलजी जरूरतमंद लोगों तक पहुंच सके।
उन्होंने कहा कि सीएसआईआर को अपने संसाधनों की मदद से देश में नए व्यवसायियों को बनाने में भी सशक्त भूमिका निभानी होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे आप सभी से बहुत उम्मीदें हैं क्योंकि मुझे आप पर पूरा भरोसा है।
क्या हम एक वेब पोर्टल नहीं बना सकते जहां धन, सभी तरह के शोध, परिणामों को देखा जा सके ताकि समय और पैसा बचाया जा सके। इस मौके पर मोदी ने सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं में विकसित पौधों की सात नई किस्में को किसानों को समर्पित किया। साथ ही उन्होंने सीएसआईआर के तकनीकी योगदान को दर्शाने वाली प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
उल्लेखनीय है कि सीएसआईआर 37 अत्याधुनिक संस्थान का ऐसा समूह है, जिसकी गिनती विश्व के अग्रणी वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान संगठनों में होती है।
अत्याधुनिक अवसंरचनात्मक सुविधाओं एवं वैज्ञानिक तथा तकनीकी कार्मिक-शक्ति के साथ सीएसआईआर राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान के सभी क्षेत्रों में कार्यरत है।
जिनमें अंतरिक्ष से समुद्री अन्वेषण, माइक्रो–इलेक्ट्रॉनिक्स से संरचनात्मक और पर्यावरणीय अभियांत्रिकी, स्मार्ट मेटीरियल से मेकाट्रॉनिक्स, पेट्रोरसायन से संश्लेषित जीवविज्ञान तथा रोबोटिक्स और माइक्रो मशीन से औषधीय तथा कृषि रसायन शामिल है।
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