भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भोपाल में साहस और वीरता के तीर्थ शौर्य स्मारक का लोकार्पण किया। उन्होंने देश के प्रति बलिदान करने वाले अमर शहीदों के प्रति श्रद्धा-सुमन भी अर्पित किए। इस अवसर पर राज्यपाल ओ.पी. कोहली, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने अमर शहीदों की स्मृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिये निर्मित 62 फीट ऊँचे शौर्य स्तम्भ का भी लोकार्पण किया। उन्होंने होलोग्राफिक लौ के माध्यम से शहीदों के सम्मान में अनंत ज्योत प्रज्जवलित की। प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री ने अनंत ज्योति के समक्ष पुष्प-चक्र अर्पित कर देश के प्रति आत्मोत्सर्ग करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने शौर्य स्मारक स्थित संग्रहालय ‘शौर्य वीथी” का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने शौर्य स्मारक सहित शौर्य वीथी में लगे चित्रों तथा सेना द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले विभिन्न उपकरणों एवं सामग्रियों के प्रादर्शों की जानकारी दी।
भारत में शौर्य की कोई कमी नहीं
केन्द्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने राज्य सरकार को शौर्य स्मारक की स्थापना करने पर बधाई देते हुए कहा कि भारत में शौर्य की कोई कमी नहीं है। उन्होंने शिवाजी और राणा प्रताप का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में पराक्रम की कमी नहीं है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1965 और 1971 में भारत के सैनिकों की वीरता का प्रदर्शन पूरी दुनिया ने देखा है। कई शहीद मध्यप्रदेश की धरती के लाल थे।
उन्होंने मध्यप्रदेश के नागरिकों को और सरकार को बधाई दी। पर्रिकर ने कहा कि शौर्य स्मारक ऐसे समय लोकार्पित हो रहा है जब हाल में भारत के जवानों ने अपनी वीरता साबित की है।
शौर्य वीथी
शौर्य वीथी शहीदों के बलिदान और शौर्य की विषयगत तस्वीरों को प्रदर्शित करती है। इसमें महाभारत में उद्घृत शौर्य की परिभाषा से लेकर प्रागैतिहासिक काल एवं 1999 के कारगिल युद्ध तक की घटनाओं का चित्रण है।
शौर्य परिभाषित हिन्दी के प्रमुख कवियों की रचनाओं का भी प्रदर्शन है। वीथी में सेना के कमाण्डर इन चीफ के रूप में अब तक पदस्थ भारत के राष्ट्रपति के चित्र भी प्रदर्शित किए गए हैं।
वीथी में जल, थल एवं वायु सेना के सेनाध्यक्षों, सेना के विभिन्न रेजीमेंट के ध्वजों, राष्ट्र-ध्वज तिरंगे के इतिहास का चित्रण और भारतीय सेना के बंकर के सजीव दृश्य की प्रस्तुति (डायरोमा) की गई है।
वीथी में 1947 का भारत-पाकिस्तान बंटवारा, वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध, वर्ष 1965 और वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध एवं सेना की शांतिकालीन गतिविधियों का सजीव चित्रण किया गया है।
शून्य डिग्री तापमान पर सियाचिन पर तैनात सेना का प्रस्तुतीकरण अदभुत है। परमवीर चक्र एवं महावीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिकों की शौर्य गाथा को रेखांकित करती हुई थीमेटिक पेंटिंग्स दर्शकों को स्वमेव आकर्षित एवं रोमांचित करती हैं। वीथी में विभिन्न सेना मेडल, युद्धपोत, टैंक और रायफलों का भी प्रदर्शन किया गया है।
https://www.sabguru.com/indian-army-not-speak-shows-courage-valour-says-pm-modi/