शिमला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को मण्डी से तीन जल बिजली परियोजनाओं एनटीपीसी की कोलडैम ( 800 मेगावाट), एनएचपीसी की पार्वती (520 मेगावाट) और एसजेवीएनएल की 412 मेगावाट की रामपुर जल विद्युत परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं।
मोदी करीब 11 बजे वायु सेना के विशेष हेलीकाप्टर से मण्डी पहुंचे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्रधानमंत्री मोदी का मण्डी पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया।
इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नडडा, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, नेता विपक्ष प्रेम कुमार धूमल और मण्डी से स्थानीय सांसद रामस्वरूप शर्मा सहित अन्य भाजपा नेता मौजूद थे।
एनटीपीसी ने दिसंबर 2003 में जिला बिलासपुर में सतलज नदी पर अपने पहले जल विद्युत उद्यम – कोलडैम जल विद्युत परियोजना का कार्यान्वयन आरंभ किया था।
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परियोजना की मुख्य विशेषताएं डाइवर्जन ढांचा, 167 मीटर ऊंचा रॉक फिल डैम, स्पिलवे, डिकेन्टिंग चैम्बर पावर हाउस और स्विचयार्ड है।
एनएचपीसी की पार्वती नदी पर परियोजनाएं हैं। पार्वती-3 पावर स्टेशन एक बहते पानी की योजना है जिसमें 43 मीटर ऊंचा रॉक फिल बाँध, भूमिगत पावर हाउस और 10.58 किलोमीटर लम्बा वाटर कंडक्टर सिस्टम है।
326 मीटर के कुल हेड का उपयोग चार वर्टिकल फ्रांसिस टरबाइन से 520 मेगावाट क्षमता का दोहन किया गया है।
तीसरी बिजली परियोजना एसजेवीएन की है। शिमला जिला के झाकड़ी में इसकी सबसे बड़ी 1500 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना है। अब इसकी 412 मेगावाट का रामपुर जलविद्युत स्टेशन परियोजना को कमीशन किया गया है।
इन तीनों बिजली परियोजनाओं से हिमाचल प्रदेश, जम्मू व कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान व संघ शासित क्षेत्र चंडीगढ़ को बिजली सप्लाई की जाती है।
सभी परियोजनाओं से उत्पादित बिजली का 12 प्रतिशत गृह राज्य हिमाचल प्रदेश को नि:शुल्क मिलेगी।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में जलविद्युत के क्षेत्र में 25 हजार मेगावाट से अधिक की संभावनाएं आंकी गई हैं। जिसमें से अभी तक 10 हजार मेगावाट तक का ही दोहन हो पाया है।
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