नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 2022 तक ‘न्यू इंडिया’ बनाने में हर भारतीय की भूमिका पर जोर देते हुए महात्मा गांधी के अलावा भगवान राम व भगवान श्रीकृष्ण का उदाहरण दिया।
स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐतिहासिक विरासत में सुदर्शनधारी कृष्ण से चरखाधारी मोहन की संपन्न विरासत है।
सामूहिक प्रयास को मजबूत करने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने ग्वालों के साथ खड़े होने पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया था। उन्होंने कहा कि राम सेतु का निर्माण भगवान राम की वानर सेना ने किया।
उन्होंने कहा कि देश को स्वतंत्रता सामूहिक प्रयासों से मिली। कोई छोटा या बड़ा नहीं है। हम गिलहरी की कहानी जानते हैं, जिसने बदलाव में अहम भूमिका निभाई (राम सेतु के निर्माण में सहायता करके)। हमारे 125 करोड़ भारतीयों में कोई छोटा या बड़ा नहीं है।
मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में मंगलवार के जन्माष्टमी के त्योहार का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित जनसमूह में भगवान श्रीकृष्ण की पोशाक में बच्चे शामिल हैं।
महाभारत का जिक्र करते हुए मोदी ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन के मन में चल रहे संदेह के बारे में बात की।
उन्होंने कहा कि अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण से बहुत से सवाल किए। भगवान ने उनसे कहा कि परिणाम मन के विचार के अनुसार प्राप्त होते हैं।
मोदी ने संस्कृत के एक श्लोक का उद्धरण दिया और कहा कि यदि एक कार्य समय से पूरा नहीं होता है तो इच्छित परिणाम नहीं प्राप्त हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि हर कार्य भारत माता के गौरव को समर्पित कर दिया जाए तो परिणाम बहुत शक्तिशाली होगा।