नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को उसी दलित बस्ती में प्रतीकात्मक तौर पर झाड़ू पकड़ कर राष्ट्रव्यापी स्वच्छ भारत अभियान की औपचारिक शुरूआत की, जहां कभी महात्मा गांधी ठहरे थे। यह अभियान अगले पांच साल में देश को स्वच्छ बनाने के साथ ही स्वास्थ्य के प्रति भारतीयों की मानसिकता को बदलने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।…
दिल्ली की वाल्मीकि कालोनी में महात्मा गांधी अप्रेल 1946 से सितंबर 1947 तक रहे थे। मोदी ने अपनी पार्टी के सदस्यों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक मिनट तक झाड़ू लगाया। उन्होंने यहां वाल्मीकि मंदिर में भी कुछ मिनट बिताए।
इंडिया गेट पर भारी भीड़ को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारतीयों जिम्मेदारी है कि 2019 में राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती तक देश को गंदगी से मुक्त कर उनके सपने को पूरा करें।
उन्होंने देशवासियों से सफाई को जनांदोलन बनाने का आह्वान करते हुए युवकों से क्लीन इंडिया प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने का आग्रह किया और लोगों से देश के शहरों और कस्बों को जीवन के अनुकूल बनाने में अपनी भूमिका साझा करने के लिए सोसल मीडिया का इस्तेमाल करने आह्वान किया। महात्मा गांधी की 145वीं जयंती के मौके पर राजघाट, गांधी स्मृति पहुंचकर दिन की शुरूआत की।
वाल्मीकि कॉलोनी के रास्ते में मोदी ने अचानक अपनी कार रूकवा दी और मंदिर मार्ग थाने में चले गए। वहां की साफ सफाई की हालत देखी और गिरे हुए पत्ते को बुहारने के लिए झाड़ू उठा ली। एसएचओ सतीश मलिक ने बताया कि जिस समय मोदी दूसरे गेट से थाने में दाखिल हुए उस समय वे थाने के बाहर खड़े थे। उन्होंने कहा कि मैं उनकी तरफ दौड़ पड़ा।
थाने से निकलकर मोदी वाल्मीकि कॉलोनी पहुंचे जहां वाल्मीकि मंदिर में थोड़ा वक्त गुजारने के बाद उन्होंने झाड़ू लेकर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक छोटे से इलाके को साफ किया और जमा की गई गंदगी को कचरा पेटी में डाला।
मोदी ने अपने भाषण में कहा कि स्वच्छ देश नहीं स्वीकार किए जाने वाले भारत को बदला जा सकता है। नागरिकों को नगर निगम के सफाईकर्मियों से सफाई की उम्मीद करने की जगह पहले खुद अनुशासित करना होगा।
मोदी ने कहा कि क्या आम लोगों की इसमें कोई भूमिका नहीं होती? हमें अपनी मानसिकता को बदलने की जरूरत है। यदि भारतीय मंगल पर पहुंच सकते हैं, तो देश में सफाई भी कर सकते हैं।
मोदी ने इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए तय किए गए 5 साल का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले की बनी हुई मानसिकता में बदलाव लाने में समय लगेगा। यह कठिन काम है। लेकिन हमारे पास 5 साल हैं। उन्होंने महात्मा गांधी के “भारत छोड़ो”आह्वान से अपने “स्वच्छ भारत” नारे की तुलना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह हमें “भारत छोड़ो” अभियान से खुशी मिली, हमें “स्वच्छ भारत” से भी समान खुशी मिलेगी।
मोदी ने स्वच्छ भारत के संदेश का प्रचार करने के लिए अभिनेता सलमान खान, अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और उद्योगपति अनिल अंबानी सहित नौ लोगों को नामित किया।
अमरीका से बुधवार रात दिल्ली लौटे मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान का केंद्र उन्हें नहीं बनाया जाना चाहिए और न ही इसे राजनीतिक चश्मे से देखा जाना चाहिए।
यह मोदी के लिए नहीं है, मोदी सिर्फ 1.2 अरब लोगों में से हैं। यह लोगों का कर्तव्य है।
मोदी ने स्वच्छता की अवधारणा वाले विकसित देशों से तुलना करते हुए कहा कि भारत माता की संतान, यह आपका कर्तव्य है कि न गंदगी फैलाएं और न ही दूसरे को ऎसा करने दें। प्रधानमंत्री ने इसके बाद लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई।
उन्होंने शपथ के दौरान कहा कि महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था उसमें सिर्फ राजनीतिक आजादी ही नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ और विकसित देश की कल्पना भी थी। महात्मा गांधी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़कर मां भारती को आजाद कराया। अब हमारा कर्तव्य है कि गंदगी को दूर करके भारत माता की सेवा करें। मैं शपथ लेता हूं कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूंगा और उसके लिए समय दूंगा।
गुरूवार के कार्यक्रम में सरकारी विभाग, निजी कंपनियां और अन्य ने अपने संस्थानों में स्वच्छता अभियान चलाया। ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने एक वर्ष के भीतर स्कूलों में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई द्वारा एक लाख शौचालयों का निर्माण किए जाने की घोषणा की। ग्रामीण विकास मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि स्वच्छ भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर गांव को प्रतिवर्ष 20 लाख रूपये मुहैया कराया जाएगा।