बलिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपना अंदाज है। वह जहां जाते हैं, वहां की भाषा और संस्कृति के माध्यम से उस क्षेत्र के दिलों में घुसने का अवसर नहीं छोड़ते।
रविवार को वह बलिया में थे। जनसभा में अपना भाषण शुरू करने के पहले उन्होंने उपस्थित जनसमूह का अभिवादन भोजपुरी में किया। मोदी ने कहा कि भृगु बाबा के धरती पर रउवा सभी के परनाम। इ धरती भृगु जी कै धरती रहल। सभी के हाथ जोड़ के फिर से परनाम।
बलिया में नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का शुभारंभ किया। अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन का तोहफा दिया।
बलिया के माल्देपुर में खचाखच भरे सभास्थल पर अपने सम्बोधन में मोदी ने कहा कि एक दिन में 400 सिगरेट पीने से जितना धुंआ निकलता है, उतना ही धुंआ चूल्हे पर रोटी पकाने से महिलाओं के अंदर प्रवेश करता है। उन्होंने कहा कि गरीब की रसोई में अब धुंआ नहीं उज्जवला का उजाला होगा।
इस दौरान मोदी ने एक बार फिर पूर्वांचल के दिल को छूने की कोशिश करते हुए कहा कि पूर्वांचल के प्रेम का कर्ज यहां का विकास कर चुकाऊंगा। उन्होंने कहा कि बलिया की धरती क्रातिकारी धरती है।
उन्होंने पूर्वांचल के नेता रहे राम मनोहर लोहिया, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर और जय प्रकाश नारायण को भी याद करते हुए कहा कि उन्हीं सबके आशीर्वाद से उज्जवला योजना आज बलिया से लागू हो रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने कई प्रधानमंत्री दिये लेकिन मुझे गर्व है कि यहां की धरती ने मुझे स्वीकार किया। इतना प्यार दिया। इस क्षेत्र का पूर्ण विकास कर यहां का कर्ज उतारूंगा।
अपने को बताया मजदूर नंबर एक
मजदूर दिवस की चर्चा करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस देश का मजदूर नंबर वन (एक) सभी मजदूरों को कोटि-कोटि प्रणाम करता है। उन्होंने इस दौरान मजदूरों के हितैषी कहलाने वाले वामपंथियों, लेनिन और माक्र्स पर प्रहार भी किया। मोदी ने दुनिया के मजदूरों का आवाहन किया कि आओ हम दुनिया को एक करें। उन्होंने कहा कि मजदूर के पसीने में ऐसी ताकत है जो दुनिया को जोड़ सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने मजूदरों के लिए भी श्रम कानूनों में आमूल चूल परिवर्तन किया है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में सरकार से जिनको पेंशन मिलता था, इस देश में तीस लाख से ज्यादा श्रमिक ऐसे थे जिसमें किसी को 10 रुपया, तो किसी को 15, 20 और 100 रुपया मिलता था।
हमने कम से कम 1000 रुपए पेंशन देने का नियम लागू कर दिया और उन्हें पेंशन मिलने लग गया। श्रम सुविधा पोर्टल की शुरुआत की। पहली बार देश के श्रमिकों को लेबर आइडेंटिटी नंबर दिया गया, ताकि श्रमिकों को उनकी पहचान मिले।
रोज का देता हूं हिसाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन के दौरान यह भी कहा कि वह ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो देशवासियों को रोज का हिसाब देते हैं। इस दौरान मोदी ने गैस सब्सिडी छोड़ने वालों की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा परिवारों ने सब्सिडी छोड़ी है उनका सम्मान करता हूं।
उन्होंने कहा कि 60 साल में देश के मात्र 13 करोड़ परिवारों को रसोई गैस का कनेक्शन मिला, जबकि हमने 1 साल में 3 करोड़ परिवार को गैस कनेक्शन दिया। जब 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती होगी तो 5 करोड़ परिवारों तक गैस कनेक्शन होगा।
बलिया से ही योजना की शुरूआत क्यों?
मोदी ने कहा कि आज जब मैं बलिया से उज्जवला योजना की शुरूआत कर रहा हूं तो तमाम लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। कुछ अखबारों में लिखा गया कि मोदी बलिया से उप्र में चुनाव का बिगुल बजाने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं बलिया में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजाने नहीं आया हूं। बिगुल तो मतदाता बजाते हैं।
मोदी ने कहा कि इस समय देश में बलिया ही ऐसी जगह है जहां गैस कनेक्शन सबसे कम है। इसीलिए यहां से इस योजना की शुरूआत करने आया हूं। उन्होंने कहा कि इसी तरह हरियाणा में लड़कियों की संख्या सबसे कम है इसीलिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं की योजना वहां से शुरू की।
बिजली के भी दिए आंकड़े
मोदी ने कहा कि देश में 18 हजार गांव ऐसे हैं, जहां न बिजली का खंभा है न कोई तार पहुंचा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 1000 दिनों में इन गांवों में बिजली पहुंचाने का बीड़ा उठाया है।
उत्तर प्रदेश के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मेरी सरकार बनी तो यहां के 1529 गांव ऐसे थे जहां बिजली के खंभे नहीं थे। आज प्रदेश केे 1326 गांवों में बिजली का खंभा और तार पहुंच गया है और लोग बिजली का उपभोग कर रहे हैं। बाकी गांवों में भी तेजी से काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार औसतन एक दिन में तीन गांव तक बिजली पहुंचा रही है।