नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत में मुस्लिम महिलाओं को आखिरकार सदियों पुरानी प्रथा तीन तलाक की पीड़ा से बाहर निकलने का रास्ता मिल गया। मोदी ने कहा कि सदियों से तीन तलाक से जूझती आ रही मुस्लिम बहनों और माताओं का दर्द किसी से छुपा नहीं है। वर्षो की लड़ाई के बाद आखिरकार उन्होंने तीन तलाक से खुद को छुटकारा दिलाने का तरीका ढूंढ लिया।
लोकसभा में तीन तलाक देने वाले को तीन साल की जेल संबंधी विधेयक के पारित हो जाने के बाद मोदी की यह पहली प्रतिक्रिया है।
मोदी यहां से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केरल में शिवगिरी मठ में 85वें शिवगिरी तीर्थ समारोह के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने हालांकि लोकसभा में गुरुवार को पास किए गए मुस्लिम महिला (विवाह सुरक्षा अधिकार) विधेयक के बारे में कोई जिक्र नहीं किया।
विधेयक को अभी राज्यसभा की मंजूरी मिलना बाकी है। इसमें एक साथ तीन तलाक देने वाले मुस्लिम पतियों के लिए तीन साल के कारावास का प्रावधान है।
विधेयक में पत्नी और आश्रित बच्चों की दैनिक जरूरतों के लिए पति से आजीविका के लिए निर्वाह भत्ते का प्रावधान है। नाबालिग बच्चे मां की निगरानी में ही होंगे। तीन तलाक की प्रथा को सऊदी अरब, पाकिस्तान और मिस्र जैसे मुस्लिम बहुल देशों में नहीं माना जाता है।
अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि सरकार ने काले धन, भ्रष्टाचार, बेनामी संपत्ति और आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इनके खिलाफ लड़ाई अगले साल तेज की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हम 2018 में सुधार, प्रदर्शन, परिवर्तन और सबके विकास के मंत्र के साथ देश को नई ऊचाइयों पर ले जाएंगे।