गोरखपुर। नरेंद्र मोदी के 22 जुलाई के आगमन के मद्देनजर यहां तैयारियां जोरों पर हैं। रैली में 5 लाख से अधिक की भीड़ जुटाकर इसे महारैली का रूप देने के लिए बीजेपी और उससे जुड़े संगठनों ने कवायद तेज कर दी है।
दूसरी तरफ सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से चैकस है। गोरखनाथ मंदिर और फर्टिलाइजर का योगी आदित्यनाथ के साथ कमिश्नर, डीएम और एसएसपी ने सुरक्षा का खाका खींचा। रैली के लिए 5 लाख वर्गफुट में पंडाल बनाया जा रहा है।
कमिश्नर पी. गुरु प्रसाद, डीएम ओएन सिंह, एसएसपी और एसपी सिटी हेमराज मीणा और दूसरे संबंधित अधिकारियों के साथ शुक्रवार की दोपहर गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। आदित्यनाथ से बंद कमरे में वार्ता करने के बाद मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। यह जाना कि कहां क्या कार्यक्रम होने हैं और उसके लिए कितनी सुरक्षा की आवश्यकता होगी। यहां से टीम फर्टिलाइजर ग्राउंड पर पहुंची।
पंडाल का जिम्मा लिए कमल सेन ने बताया कि पांडाल 1000 गुना 500 यानी 5 लाख वर्गफुट में बनाया जा रहा है। इसमें से 10 प्रतिशत भूमि का वेस्टेज वीवीआईपी मंच, डी सुरक्षा, सेफ हाउस के लिए होता है। शेष भूमि रैली में आने वाले लोगों के लिए होती है। 10 प्रतिशत वेस्टेज भूमि को छोड़ दिया जाए तो इस पांडाल में 2 लाख लोग बड़ी आसानी से बैठ और खड़े हो सकते हैं।
गोरखपुर में जर्मन हैंगर और तिरपाल से पहली बार बन रहे मंच और पांडाल के लिए 100 ट्रकों से सामान साइट पर ले आया गया है. तकरीबन 450 मजदूर प्रतिदिन काम कर रहे हैं. मंच और पांडाल को 21 की शाम तक कम्पलीट कर प्रशासन और व्यवस्थापकों के जिम्मे किया जाना है।
कमल ने बताया कि जर्मन हैंगर और स्विस काटेज से बने तिरपाल का प्रयोग हो रहा है इस लिए गर्मी नहीं लगेगी। यह पूरी तरह से वाटरप्रूफ होगा और आग लगने का भी कोई खतरा नहीं होता है।
रैली मंच फिर उसके पीछे सेफ हाउस और उसके पीछे 24 गुना 30 वर्गफुट का एक एयर कंडीशन पांडाल बनाया जा रहा है। यहीं पर दो प्रमुख योजनाओं नए खाद कारखाने और एम्स का शिलान्यास का कार्यक्रम होना है।
70 से अधिक वीवीआईपी प्रोग्राम्स को पांडाल दे चुके सेन कहते हैं कि वे इस प्रधानमंत्री को मथुरा, जयापुर और डीएलडब्ल्यू में पांडाल और मंच दे चुके हैं।
साल 2014 में हुई मानबेला की रैली का पांडाल भी सेन ने ही बनाया था। मंच पर और पांडाल में माइक सिस्टम की जिम्मेदारी कुंभ स्पेशलिस्ट इलाहाबाद के आशा लाईट एंड साउंड को दी गई है।