नई दिल्ली। लोकसभा में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना नाम लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के तेजस्वी सांसदों की प्रतिभा सामने उभरकर न आ जाए, इसलिए बार-बार संसद की कार्यवाही रोकी जाती है।
इसके अलावा कुछ सांसद मनोरंजन भी कराते हैं, जिससे चलते विपक्ष के प्रतिभावान सांसद बोल नहीं पाते। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की जब तक सोच बढ़ती है, तब तक देर हो जाती है। यही वजह है कि हीन भावना के कारण संसद को नहीं चलने दिया जाता है। लेकिन यह सदन इस बात के लिए नहीं है कि लोग यह सोचें कि मेरी सफेदी उसकी सफेदी से कम क्यों है?
लोकसभा में बुधवार को अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति मुखर्जी के भाषण में संसद की कार्यवाही किस रूप में चलनी चाहिए, इसकी अपेक्षा व्यक्त की गई थी। इसलिए स्पीकर महोदया के प्रति आभार व्यक्त चाहता हूं और हमें राष्ट्रपति की सलाह जरूर माननी चाहिए।
राष्ट्रपति जी ने कहा है कि सदन बहस के लिए होता है। पिछले दिनों सदन में जो कुछ हुआ, उससे बहुत पीड़ा हुई है। जब सदन नहीं चलता है तो इसका नुकसान सत्ता पक्ष के साथ-साथ देश का भी होता है लेकिन इसका सबसे बड़ा नुकसान सांसदों का होता है।
सांसदों को गरिमापूर्ण आचरण देने की सलाह देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनका उपदेश नहीं है, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का है। वर्तमान में इस देश की सबसे बड़ी चुनौती है, तेजी से बदलाव का हो रहा विरोध। यह विरोध पढ़ा-लिखा तबका भी बेहद मुखर तरीके से करता है। विपक्ष की चिंता इस बात की है कि तुम हमसे अच्छा काम कैसे कर रहे हो? जब कोई काम आगे बढ़ता है तो सौ कारण बताए जाते हैं कि यह काम क्यों नहीं करना चाहिए। लेकिन यह बात तो इंदिरा गांधी ने भी 1978 में कही थी।
देखा जाए तो विपक्ष की चिंता इस बात की है कि तुम हमसे अच्छा काम कैसे कर रहे हो? लेकिन पर उपदेश कुशल बहुतेरे। मैं लगातार लोगों के उपदेश सुन रहा हूं और 14 साल में मैं इसके साथ जीना सीख चुका है। लेकिन यह देश उस बात को कभी नहीं भुला सकता कि 27 सितंबर 2013 को मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को प्रेस सम्मेलन में फाड़ दिया गया है। बड़ों का ऐसा अपमान देश नहीं भूलेगा।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि हम भीख का कटोरा लेकर निकले हो। और जब हम यह कहते हैं तो दूसरे लोग इसे और जोर से कहते हैं। लेकिन यह भी इंदिरा गांधी कहती थीं। इसलिए हमें किसी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। मेक इन इंडिया का मजाक उड़ाया जा रहा है। अगर यह सफल नहीं हुआ है तो इसके सफल होने पर चर्चा की जानी चाहिए। कांग्रेस ने देश में गरीबी की जड़ें जमा दी हैं। गरीबी, एनडीए सरकार की सफलता का स्मारक नहीं है और 60 सालों में भी गरीबों का भला नहीं हुआ है। लेकिन वह लगातार दोनों सदनों में महत्वपूर्ण विधेयकों को पास कराने के लिए विपक्ष से सहयोग आह्वान करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी का जिक्र करते हुए विपक्ष को याद दिलाया कि संसद की कार्यवाही को रोकना संसदीय प्रणाली में विश्वास कम करना है। उन्होंने कहा कि संसद में उपभोक्ता कानून जैसे लोक महत्व के कानूनों को रोका जा रहा है। इसमें कौन सा देशहित है?
जो विधेयक पास किए जाने हैं, वह आम लोगों के लिए है। यह सिस्टम को बिचौलियों से आजाद करने के लिए हैं। हमें किसी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। मेक इन इंडिया का मजाक उड़ाया जा रहा है। अगर यह सफल नहीं हुआ है तो इसके सफल होने पर चर्चा की जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष से कहा कि जब आपके पास कहने के लिए कुछ नहीं होता है तो गुजरात का जिक्र होता है। यह आपके दिवालियेपन का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों को चेताया कि संसद की बहस में बाधा डालने के उलटे नतीजे हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विपक्ष की चिंता इस बात की है कि तुम हमसे अच्छा काम कैसे कर रहे हो? आपने टॉयलेट नहीं बनवाए, इसलिए हमने चार लाख बनवा दिए। इसी तरह बांग्लादेश से सीमा विवाद आप नहीं सुलझा सके, इसलिए हमने इसे सुलझाया। यह आपकी ही देन है और आप इसे गर्व से कह सकते हैं कि हमने छोड़ा तो आपने करवाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रोजगार योजनाओं का पुनर्जीवन होता रहा। महात्मा गांधी ने जवाहर रोजगार योजना से जवाहरलाल जी का नाम हटा दिया। वाजपेयी जी ने पहले की सभी योजनाओं की अच्छी बातें लेते हुए संपूर्ण रोजगार योजना शुरू की। फिर खाद्य के बदले काम कार्यक्रम शुरू हुआ और उसके बाद नरेगा या मनरेगा शुरू किया गया।
गरीबी की जड़ें गहरी हैं इस देश में। हमारा दायित्व बनता है कि इन योजनाओं का क्रमिक विकास हुआ है, उसे जारी रखें। गरीबी न होती तो नरेगा या मनरेगा की जरूरत न होती। गरीबी की जड़ों को इस कदर गहरा बना दिया गया है कि मुझे कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। नरेगा हमारी सफलता का स्मारक नहीं है।
सीएजी ने लिखा है कि जहां गरीबों की संख्या कम है, ऐसे राज्यों में नरेगा या मनरेगा का पूरा इस्तेमाल हुआ, लेकिन वास्तव में गरीब राज्यों को इसका फायदा नहीं हुआ। सौ दिन का हमारा लक्ष्य हम कभी नहीं पूरा कर पाए। औसतन 30 दिन से 40 दिन तक गाड़ी अटक जाती है। हमने बिचौलियों को खत्म करने के लिए ऑडिट की दिशा में भरपूर प्रयास किया है।
हमें विश्वास है कि 94 फीसदी श्रमिकों को बैंक और डाकघर के जरिए भुगतान शुरू कराया है। हमने जनधन, आधार और मोबाइल योजना के जरिए इस दिशा में आई दिक्कतों को दूर करने के लिए काम किया है। प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार वाजपेयी जी के समय शुरू की गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का फायदा उन राज्यों को ज्यादा मिला जो गरीब थे। केंद्र का पैसा मनरेगा को भी गया और सड़क योजना को भी गया लेकिन परिसंपत्तियों का निर्माण सड़क योजना के जरिए हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने सदन को बताया कि प्रधानमंत्री किसान फसल योजना एक अप्रेल से देश के सभी गांवों, जिलों में लागू होगा। इसे 45 जिलों में पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया था। सरकार ने प्रयोग के तौर पर किसानों को 45 जिलों में फसल बीमा योजना के साथ सात अलग-अलग बीमाओं की पेशकश की है।
सभापति की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाव दिया कि आगामी 8 मार्च को संसद में केवल महिला सदस्य ही बोलें क्योंकि यह दिन महिला दिवस के तौर पर मनाया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार चुन कर आने वाले सदस्यों को बोलने का मौका देने के लिए साल में एक या दो बार संसद सत्र में एक हफ्ता दिए जाने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि अखबार की सुर्खियां बनने के लिए संसद में तू-तू मैं-मैं ठीक नहीं है। इस देश के नागरिक हमसे बहुत कुछ नहीं मांग रहे हैं, हमें देश के लोगों पर भरोसा करना होगा। सुधार के लिए हमें आपकी मदद चाहिए। मैं नया हूं। हमें आपके अनुभव की जरूरत है। इस देश को अफसरों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। यह जरूरी है कि कार्यपालिका को जिम्मेदार बनाया जाए। कोई भी प्रधानमंत्री से कम नहीं है।