पटना। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने यहां शुक्रवार को नोटबंदी और जीएसटी को पूरी तरह असफल बताते हुए कहा कि केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी लागू करने में अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया।
उन्होंने कहा कि जीएसटी में रोज-रोज बदलाव करने से कुछ नहीं होगा, इसमें आमूल-चूल परिवर्तन करना होगा। उन्होंने कहा कि नोटंबदी के बाद 20 लाख लोगों की नौकरी खत्म हो गई। अब सरकार नोटबंदी को सफल बताने के लिए झूठ का सहारा ले रही है।
पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सिन्हा ने कहा कि वर्तमान केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी का कबाड़ कर दिया है। इसका ढांचा इतना त्रुटिपूर्ण है कि इसमें रोज संतुलन करना पड़ रहा है। इसमें ‘परिवर्तन’ नहीं आमूल-चूल परिवर्तन करना होगा, इसलिए वित्तमंत्री को बदला जाना चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव भी दिया कि पूर्व वित्त सचिव विजय केलकर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए, जो जीएसटी को प्रभावी बनाने के लिए काम करे।
सिन्हा ने एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि नोटबंदी का उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है और कोई कालाधन भी वापस नहीं आया है, बल्कि 99 फीसद करेंसी वापस आ गई है।
अटल बिहारी वाजपेयी के वित्तमंत्री रहे सिन्हा ने जीएसटी पर भी नरेंद्र मोदी सरकार को पूरी तरह असफल बताते हुए कहा कि अगर जीएसटी सही है, तो इसमें लगातार बदलाव की जरूरत क्यों पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि समाज जब आर्थिक दृष्टिकोण से मजबूत होगा, तभी लोगों को रोजगार मिल पाएगा। सिन्हा ने अरुण जेटली पर तंज कसते हुए कहा कि वह अपनी गलती सुधारने के लिए रोज बदलाव कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वित्तमंत्री बदलने की मांग भी की।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग को ‘जुबानी जमा खर्ची’ बताते हुए सिन्हा ने कहा कि ऐसी मांग करने से कुछ नहीं होने वाला है। इसके लिए मुख्यमंत्री विधानसभा से प्रस्ताव पास कराएं और केंद्र सरकार को भेजें।