वॉशिंगटन। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सातवीं मुलाक़ात के नतीजे भी बेहद सकारात्मक मिले हैं। दोनों नेताओं ने करीब घंटे भर की बातचीत के बाद साझा बयान जारी किया।
ओबामा ने प्रतिष्ठित परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया। दोनों नेताओं ने व्यापक मुद्दों पर, खासकर द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
ओबामा ने कहा कि दो सबसे बड़े लोकतंत्रों (भारत-अमरीका) के लिए साझेदारी को गहन और व्यापक करना स्वाभाविक है।
मोदी ने कहा कि उन्होंने अन्य जिन विषयों पर वार्ता की, उनमें आतंकवाद, स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, क्षेत्रीय सुरक्षा और साइबर सुरक्षा शामिल थे।
मीडिया के समक्ष अपने बयान जारी करते हुए ओबामा ने कहा कि उन्होंने असैन्य परमाणु समझौते में हुई प्रगति पर चर्चा की।
एनएसजी की भारत की सदस्यता के संबंध में चीन के विरोध के बीच अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि मैंने एनएसजी का हिस्सा होने के नाते भारत को समर्थन का संकेत दिया।
ओबामा ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को प्रौद्योगिकी की जरूरत है जो उसकी प्रगति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हो।
बाद में मोदी ने कहा कि एमटीसीआर और एनएसजी में सदस्यता के संबंध में मेरे मित्र राष्ट्रपति ओबामा ने जो मदद और समर्थन दिया है, उसके लिए मैं आभारी हूं।