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मेरी लड़ाई गोगोई से नहीं, गरीबी व बेरोजगारी से : पीएम मोदी - Sabguru News
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मेरी लड़ाई गोगोई से नहीं, गरीबी व बेरोजगारी से : पीएम मोदी

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मेरी लड़ाई गोगोई से नहीं, गरीबी व बेरोजगारी से : पीएम मोदी
pm at tinsukia : my fight is to uplift assam, give me 5 years
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तिनसुकिया/माजुली। ऊपरी असम के जोरहाट जिले में ब्रह्मपुत्र नद के बीचों-बीच स्थित विश्व प्रसिद्ध नदी दीप माजुली में देश की आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भाजपा की दूसरी चुनावी सभा को संबोधित किया।

तिनसुकिया में अपनी पहली सभा में उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से लड़ने में विश्वास नहीं रखता, मैं गरीबी व बेरोजगारी से लड़ना चाहता हूं। वैष्णव धर्म के प्राण केंद्र के रूप में विख्यात माजुली में दूसरी सभा करने पहुंचे प्रधानमंत्री को देखने के लिए भारी संख्या में जनसमुद्र उमड़ पड़ा।

माजुली विधानसभा क्षेत्र से असम भाजपा अध्यक्ष व भाजपा की ओर से घोषित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सर्वानंद सोनोवाल चुनाव लड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने असमिया भाषा में लोगों को रंगाली बिहू की शुभेच्छा देते हुए कहा कि मैं असम से एक हीरा उठाकर ले गया था, जो आज मेरी सरकार को चमकाता है तथा देश के नौजवानो की आशा बन गया है।

मैं आज आपकी अमानत को लौटा रहा हूं, हालांकि मेरा और मेरी सरकार का काफी नुकसान होने वाला है, लेकिन असम की भलाई के लिए यह जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नाम के अनुसार उनमें गुण भी है। स्वयं आनंद रहते हुए सबको आनंद देते हैं। प्रधानमंत्री ने ‘असम का आनंद सर्वानंद’ पांच बार नारा लगाया। पूरा मैदान इस नारे को दोहराते दिखा।

माजुली के जेंगराई लिखमी पथार में आयोजित भाजपा की जनसभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की उम्र को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अब वे 90 वर्ष के होने जा रहे हैं। मेरे लिए वे बुजुर्ग हैं। हमारे संस्कार मिल हैं कि बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए, लड़ाई नहीं। मैं असम को प्रणाम करने आता हूं लड़ाई करने नहीं।

अगर लड़ाई लड़ना है तो बेरोजगारी, गरीबी, भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार, असम की भलाई के लिए लड़ना है। मैं अपना समय गोगोई से लड़ाई में बर्बाद नहीं करना चाहता।

उन्होंने कहा कि राज्य में आजादी के बाद से अधिकांश समय तक कांग्रेस की सरकार रही, हमारी तो सरकार यहां नहीं थी, यहां के लोगों को क्या चाहिए एक पुल, लेकिन बीते 60 वर्ष में कांग्रेस ने नहीं दिया, एक बार भाजपा की सरकार चुनकर देखिए सभी समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी। जो काम 60 वर्ष में नहीं हुआ, हमारी सरकार 5 वर्ष में उसे करके दिखाएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे मंत्रिमंडल के मंत्री नितिन गडकरी जी ने माजुली के लिए पुल बनाने के काम का शिलान्यास कर दिया, जबकि असम में मेरी सरकार नहीं थी। बावजूद इसके हमें असम के विकास की चिंता है। कांग्रेस में पैसे खाने की परंपरा है। वे कहीं से कुछ भी मार लेते हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण माजुली है, इतना सुंदर आईलैंड भी कांग्रेस खा गई।

60 वर्ष पहले यह आईलैंड 1200 स्क्वायर किमी का था जो आज महज 400 स्क्वायर किमी रह गया है। असल में माजुली कांग्रेस की गिनती में नहीं था। उन्होंने कहा कि यह सांस्कृतिक विरासत की उरवरा भूमि है। यह वैष्णव धर्म का प्राण केंद्र है। इसके संरक्षण, संवर्धन, कनेक्टिविटी जरूरी है। भाजपा की सरकार इसको पूरे करने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री ने भाजपा और कांग्रेस शासित राज्यों की तुलना करते हुए कहा कि जहां पर भाजपा की सरकार हैं वे राज्य तेज गति से विकास कर रहे हैं, जबकि अन्य सरकारें काफी पिछड़ती चली गईं। उन्होंने कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों का नाम लिया।

भाजपा नेता ने कहा कि असम में प्राकृतिक संपदा का अकूत खजाना है, इसके बावजूद असम देश के अन्य राज्यों के मुकाबले काफी पिछड़ा हुआ है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि अब तक असम कांग्रेस को झेलता रहा है, 15 वर्ष कांग्रेस की सत्ता, 10 वर्ष यहां से प्रधानमंत्री फिर भी विकास के रास्ते पूरी तरह से अवरूद्ध।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव असम का हो रहा है और मुख्यमंत्री गोगोई हिसाब मोदी से मांग रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपना हिसाब देने को कहा। साथ ही कहा कि दिल्ली से जो धन आता है, उसे राज्य सरकार खर्च नहीं कर पाती, ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का हक नहीं है जो राज्य के हित के लिए कोई काम नहीं करती।

उन्होंने कहा कि बीते 60 वर्ष में असम के 60 प्रतिशत लोगों तक बिजली आज भी नहीं पहुंच पाया। 40 प्रतिशत लोगों तक बिलजी के तार तक नहीं पहुंच पाए हैं। 21वीं सदी में आज भी 18वीं सदी का जीवन जी रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि असम का भाग्य बदलने के लिए सभी को कंधे से कंधा मिलाकर आगे चलना होगा।

उन्होंने कहा कि मेरा एक ही मंत्र है विकास, विकास और विकास। उन्होंने कहा कि असम को पूरे देश के लिए माडल राज्य के रूप में बनाना चाहता हूं। कारण यहां पर 80 प्रतिशत लोग गांव में रहते हैं। गांवों की व्यवस्था बेहतर करने के लिए मैंने एक योजना हाथ में ली है। अर्बन मिशन के तहत गांवों को कलस्टर बनाना है। मेरा मंत्र है सुविधा शहर की आत्मा गांवों की हो। अगर इस संकल्प को लेकर आगे चले तो सभी कुछ किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमने पूर्व के सारे नियम बदलते हुए 50 प्रतिशत इलाके के नुकसान पर मिलने वाले मुआवजे को अब एक छोटे से हिस्से में भी नुकसान होने पर पूरा मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री फसल जीवन बीमा योजना लागू किया।

वहीं बीमा का प्रीमियम किसानों को 2 से डेढ़ प्रतिशत देना होगा, शेष धनराशि केंद्र सरकार देगी। साथ ही कहा कि देश के चिंतक इस बात को कहते नहीं थक रहे कि बीते 40 से 50 वर्ष में पहली सरकार है जिसने गांव के लिए, नौजवानों के लिए बजट लेकर आई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 40-50 वर्ष बाद यह समय असम का भाग्य बदने का समय है।

यह चुनाव असम का भाग्य बदलने का अवसर पर है। असम को एक होनहार मुख्यमंत्री व राज्य को होनहार सरकार मिलने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने लोगों से भारी संख्या में मतदान कर राज्य में एक मजबूत और बहुमत वाली भाजपा की सरकार बनाने का आह्वान किया।