नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वार रूम में तीनों सेनाओं के शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ गहन मंत्रणा करेंगे। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि वार रूम में मोदी के साथ तीनों सेना के प्रमुख शामिल होंगे। प्रधानमंत्री हाल ही में जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा, नियंत्रण रेखा तथा चीन की तरफ से घुसपैठ के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर उनके साथ गहन मंत्रणा करेंगे और किसी भी चुनौती से निबटने की तैयारियों का जायजा लेंगे। …
तीनों सशस्त्र सेनाओं की संयुक्त समिति के अध्यक्ष होने के नाते वायु सेना प्रमुख अरूप राहा प्रधानमंत्री को स्थिति से अवगत कराएंगे और तीनों सेनाओं की समान चुनौती के बारे में उन्हें जानकारी देंगे। सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग तथा नौ सेना प्रमुख एडमिरल आर के धवन देश के सामने पड़ोसियों के कारण उत्पन्न चुनौतियों के साथ ही क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से भी प्रधानमंत्री को अवगत कराएंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह पहला अवसर है जब प्रधानमंत्री शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ वार रूम में समग्रता के साथ विचार विमर्श कर रहे हैं। बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ ही विभिन्न कमानों के शीर्ष कमांडर शामिल होंगे। सेना के तीनों अंगों के कमांडरों का पिछले तीन दिन से यहां अलग-अलग सम्मेलन चल रहा है और अब सभी कमांडर एकीकृत सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर विचार करेंगे।
इस सम्मेलन में रक्षा मंत्री अरूण जेटली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल तथा रक्षा सचिव आर के मिश्रा सरकार का पक्ष रखेंगे। कमांडरों के सम्मेलन में चीन के सीमा पर रोड नेटवर्क तैयार करने तथा पाकिस्तान की तरफ से संघष् विराम के उल्लंघन जैसी स्थिति में देश की सुरक्षा के लिए उत्पन्न खतरे पर विचार किए जाने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि इस सम्मेलन में सैन्य संचालन के महानिदेशक पश्चिमी तथा पूर्वी सीमा से पड़ोसी मुल्कों की तरफ से देश के सामने उभरने वाली चुनौतियों पर विस्तार से विवरण प्रस्तुत करेंगे।
भारत की चीन सीमा पर महत्वाकांक्षी राजमार्ग के निर्माण की योजना है। इस येाजना के तहत अरूणाचल प्रदेश के सीमावर्ती तवांग, ईस्ट केमंग, ऊ परी सुबनसिरी, पश्चिमी सियांग, ऊपरी सियांग, दीबांग घाटी, देसाली, चांगलम, किबीटो, डोंग, हवाई तथा विजयनगर को जोड़ने के लिए राजमार्ग का निर्माण होना है।
मैकमोहन लाइन पर भारत के सड़क निर्माण की योजना की भनक मिलते ही चीन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बुधवार को क हा उसे उम्मीद है कि सीमा विवाद के मुद्दे को सुलझाने से पहले भारत इस तरह का कोई कदम नहीं उठाएगा जिससे स्थिति जटिल बने। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने बीजिंग में पत्रकारों से कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा का विवाद विदेशी हुकूमत के समय से है और अब दोनों मुल्क इसे सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस मुद्दे को दोनों पक्षों को विधिवतरूप से निबटाना चाहिए। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सीमा पर सड़क बनाने के मामले में चीन की प्रतिक्रिया पर आश्चर्य व्यक्त किया है और कहा कि चीन दोनों देशों की सीमा पर इस तरह की ढांचागत व्यवस्था पहले ही तैयार कर चुका है।