डिब्रूगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को असम में नदी के ऊपर निर्मित देश के सबसे बड़े पुल का उद्घाटन किया। 9.2 किलोमीटर के धौला-सादिया पुल को ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी लोहित के ऊपर बनाया गया है। यह असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ेगी।
मोदी राज्य के एक दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे हैं। यहां हवाईअड्डे पर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया। यहां पहुंचने के तुरंत बाद मोदी धौला के लिए निकल गए।
पुल का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था और इस पर करीब 950 करोड़ रुपए की लागत आई।धौला-सादिया पुल रणनीतिक रूप से सैन्य उपयोग के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह 60-टन वजनी युद्ध टैंकों का भार वहन कर सकता है।
इस नए पुल की मदद से सेना चीन की सीमाओं से सटे अरुणाचल प्रदेश में अधिक जल्दी व सुगमता से प्रवेश कर सकती है।
यह पुल राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 37 पर असम में रुपई और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 पर अरुणाचल प्रदेश में मेका या रोइंग के बीच बना है। इस पुल का निर्माण बीओटी एन्यूटी द्वारा किया गया है।
यह पुल तीन लेन का होगा और 9.15 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी लोहित पर किया गया है। यह पुल असम के ढोला को अरुणाचल के सादिया से जोड़ेगा।
इस पुल के बनने से असम के राष्ट्रीय राजमार्ग-37 में रूपाई और अरुणाचल प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्ग-52 में मेका/रोईंग के बीच 165 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। इन दो स्थानों के बीच यात्रा करने में वर्तमान में छह घंटे का समय लगता है, जो अब घटकर एक घंटा हो जाएगा।
अभी तक ब्रह्मपुत्र को पार करने के लिए केवल दिन के समय नौका का ही उपयोग किया जाता था और बाढ़ के दौरान यह भी संभव नहीं होता था।
शुक्रवार को इस पुल का उद्घाटन होने से ऊपरी असम और अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग के लिए 247 संपर्क सुनिश्चित होगा। इससे प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल में 10 लाख रुपए तक की बचत होगी।