नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लोकसभा व विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने पर जोर देत हुए कहा है कि इसपर देशव्यापी चर्चा होनी चाहिए और इन चर्चाओं को आगे बढ़ाने में मीडिया को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
गुरुवार को भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों के साथ दीपावली मिलन समारोह के दौरान मोदी ने कहा कि कुछ चर्चाओं में ठहराव आया है, उसको आगे बढ़ाया जाना चाहिए। देश में लोकसभा व विधानसभा चुनावों को साथ कराने की चर्चा शुरू हुई और फिर थम गई। अब इस विषय पर फिर से चर्चा शुरू होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही मत इसके पक्ष में हो अथवा विपक्ष में, पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यूं तो निजी चर्चा में कई राजनैतिक दलों के साथ इस विषय पर बातचीत हुई कि लोकसभा व विधानसभा के चुनाव साथ कराए जाएं। सभी दल निजी चर्चा में राजी होते हैं, लेकिन इस बातचीत का कोई निर्णायक पहलू सामने नहीं आता।
लोकसभा व विधानसभा चुनाव अलग-अलग कराने पर सामने आने वाली परेशानियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आचार संहिता लगने पर कामकाज पर प्रभाव पड़ता है।
आर्थिक दबाव के साथ ही चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में बड़ी तादाद में अधिकारियों की तैनाती से भी सरकारी कामकाज पर असर पड़ता है। मोदी ने कहा कि दोनों चुनाव साथ कराने का मामला सरकार थोप नहीं सकती। इस पर देश में चर्चा तो हो ही, राजनैतिक दलों को भी चुनाव सुधार के बारे में सोचना चाहिए।