नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यक्रम मन की बात में नशे के दुष्प्रभाव के बारे में बात करते हुए रविवार को कहा कि नशा बुरा नहीं है उसकी आदत बुरी है और इससे छुटकारा पाने के लिए जीवन में एक ध्येय अपनाना होगा।
उन्होंने खेल, फिल्म और आध्यात्मिक जगत से जुड़ी हस्तियों से अनुरोध किया कि वह इसके प्रति जागरुकता फैलाएं साथ ही उन्होंने ड्रग फ्री इंडिया नाम से सोशल मीडिया पर मुहिम चलाने को भी कहा जो लोक शिक्षा का एक माध्यम बनकर उभरेगी। मोदी ने नशा मुक्ति पर एक हेल्पलाइन लाए जाने की बात भी कही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के इस वाक्य से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए कि ‘एक विचार को लें, उसके बारे में सोचें और उसे जीवन में उतार लें, शरीर के सभी हिस्सों को उस विचार से जोड़ दें और बाकी सभी विचार पीछे छोड़ दें। उन्होंने कहा कि मुझे हमारी युवा पीड़ी की चिंता है, मां का लाल नशे के चंगुल में फंसता है तो परिवार, देश और समाज सब बर्बाद हो जाता है। बच्चों में नशे की बुरी आदत आसानी से नहीं आती। माता-पिता को उस पर ध्यान देना चाहिए और बच्चों की प्रगति को केवल भौतिक विकास से न आंकते हुए यह भी देखें की उसमें तर्क और मौलिकता का विकास हो रहा है या नहीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नशा मनोवैज्ञानिक, समाजिक और चिकित्सिय समस्या है। नशा केवल मनुष्य को अंधेरा, विनाश और बर्बादी ही देता है। नशा बुरा है, नशे की लत बुरी हैं, लेकिन वह बालक बुरा नहीं है, जिसे इसकी लत है। उसमें हमें इससे दूर रहने की आदत डालनी होगी। उन्होंने कहा कि असम में पुलिस प्रमुखों के साथ चर्चा में उन्होंने इस विषय को उठाया और उनसे नशे पर एक टोल फ्री हेल्पलाइन लाने पर विचार करने को कहा। मोदी ने दत्त का उदाहरण भी रखा जिन्हे पहले नशे की आदत थी जिसकी वजह से वह जेल गए। वहां उनमें सजगता आई और उन्होंने जेल में ही पढ़ाई की। कई लोग इस लत से बाहर आए हैं, हमारा प्रयास होना चाहिए।
नशे के की आदत के प्रति सजग करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं नशे में डुबे नौजोवनों से पूछता हूं कि क्या नशे से परेशानियों और चिंताओं से मुक्ति मिल जाएगी। उन्हें यह भी सोचना चाहिय कि ड्रग खरीदने में जो पैसा खर्च होता है वह कहां जाता है, वह आतंकवादियों को जाता होगा और उनके हथियार खरीदने का काम आता होगा। जिसकी गोली से देश के जवान के सीने में लगती है। सोचिए की नशे का पैसा जवान को लगने वाली गोली पर खर्च होता है।
खिलाडिय़ों से प्रेरणा लेते तथा उनका उत्साह वर्धन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गत सप्ताह उनकी मुलाकात भारतीय दृष्टिहीन क्रिकेट टीम के खिलाडिय़ों से हुई। उनमें ऐसा जज्बा था जिसे मैंने पहले कभी नही दिखा, मुझे उनसे मिलकर उर्जा मिली। साथ ही उन्होंने जम्मू कश्मीर की टीम को बधाई देते हुए कहा कि मुंबई में मुंबई की टीम को हाराकर उन्होंने जो बुलंदी हासिल की है वह अभूतपूर्व है। उनसे प्रेरणा मिलती है कि कैसे कठिनायियों के बाद भी लक्ष्य हासिल किया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को योग दिवस घोषित किए जाने को गौरव का अवसर बताते हु 177 देशों ने मिलकर इस प्रस्ताव को पेश किया यह अपने आप में एक रिकार्ड है। वे सभी देशों का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि योग की भावना सभी तक पहुंचे और यह दुनिया को जोडऩे का माध्यम बने।
हाल ही में मुख्यमंत्रियों से अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब सभी मुख्यमंत्री बिना किसी कागज कलम, एजेंडे और अधिकारियों के बिना आपस में खुलकर मिले और विभिन्न विषयों पर मन खोल कर बातें की। उनके लिए यह एक आनंद का अवसर था।
पूर्वोत्तर की अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे आग्रह करते हैं यदि पकृति और ईश्वर का रूप देखना है तो उत्तर पूर्व जाएं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर अपार शक्तियों से भरा है और वहां के लोग भी बहुत प्यारे हैं। जब भी वह वहां जाते है तो अपनी थकान समाप्त हुई महसूस करते हैं।
प्रधानमंत्री ने इस मन की बात के कार्यक्रम से देशवासियों को क्रिसमिस और नववर्ष की भी शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मन की बात में वह अपने दुख-सुख बांटते हैं। मन की पीड़ा बांटने से दिल हल्का हो जाता है और सुख बांटने से वह चौगुना हो जाता है।