जमशेदपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजबूत गांव से सशक्त भारत की अपनी परिकल्पना को यहां देशभर से आए जनप्रतिनिधियों के साथ साझा किया।
45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर की गर्मी में लगभग 45 मिनट का उनका भाषण पंचायतों के विकास, गांवों के सशक्तीकरण और सक्रियता पर केंद्रित रहा। लोगों का उत्साहवर्धन करते हुए मोदी ने कहा कि सिर्फ दिल्ली देश नहीं है।
मोदी ने कहा कि यही कारण है कि उन्होंने राष्ट्रीय महत्व के कई आयोजन राजधानी के अलावा अन्य शहरों में आयोजित किया है। गांवों को देश के विकास का आधार बताते हुए मोदी ने कहा कि गांव बदलेगा तो देश की सूरत बदल जाएगी।
उन्होंने कहा देशभर की पंचायतों के जनप्रतिनिधि यह तय करें कि अपने गांव-पंचायत से गरीबी, अशिक्षा और कुपोषण हटाएंगे। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल करेंगे। मुखिया से बड़ा कोई नहीं है। पंचायतों की किस्मत बदलना उनके अपने हाथ में है।
प्रधानमंत्री ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट को गांवों के लिए बताया। उन्होंने कि कहा गांव की सरकार बैठी है। वह हमारी चिंताएं कम करे। अपने अंदाज में उन्होंने पूछा भी-कम करोगे या नहीं, भीड़ आवाज आई हां।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान हर पहलू को छुआ। उन्होंने पूछा कि गांवों में मिड डे मील की योजना चलती है लेकिन बच्चे कुपोषित रह जाते हैं। पंचायतें यह प्रण लें कि कोई बच्चा कुपोषित नहीं रहेगा। योजनाओं की निगरानी पंचायतें करेगी।
ग्राम पंचायत की बैठक में बेहतर उपस्थिति पर भी उनका जोर रहा। कहा, अभी यह संतोषप्रद नहीं है। कम से कम तीस प्रतिशत लोग बैठक में शामिल हो। बच्चे प्रभात फेरी निकालें। उत्सव का माहौल बने। शहर में रहने वाले गांव के लोगों को भी आमंत्रित करें।
आज गांव में हमारी माताएं-बहनें बच्चा जनने के दौरान मर जाती है। क्या पंचायतें यह जिम्मा लेगी। क्या 40 प्रतिशत चुनकर आई महिला जनप्रतिनिधि यह जिम्मा लेगी कि उनके गांव की कोई प्रसूता प्रसव के दौरान न मरे। उसके लिए पौष्टिक भोजन की व्यवस्था हो। प्रसव दवाखाना या अस्पताल में हो। टीकाकरण योजनाओं में पंचायतों की भागीदारी रहे।
सरकार के पास योजना की कमी नही है। कमी है बस संकल्प लेने की। उन्होने चिंता जताते हुए कहा कि आजादी के इतने वर्षाे के बाद भी गांव की हालात की सुधार नहीं हो सका है। इसके लिए जिम्मेदार कौन है। इस पर सोचने का समय नही है। हमें संकल्प लेना है कि गांव की मां-बहन-बेटी खुले में शौच न करे। इसके लिए सोच में परिवर्तन लाना होगा।
उन्होंने कहा कि आज हमारे देश मे तीस लाख जनप्रतिनिधि बैठे हैं, जिसमंे 40 प्रतिशत महिलाएं हैं। महिला चाहे तो गांव के विकास से परिवर्तन ला सकती है। गांव की महिलाएं खाना बनाने के दौरान जो लकड़ी का धुआं ग्रहण करती है वह धुआं 400 सिगरेट के धुएं के बराबर है। केन्द्र सरकार आने वाले तीन साल में पांच करोड़ लोगों को बीपीएल गैस कनेक्शन देगी।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने पंचायती राज क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले राज्यों को पुरस्कृत किया। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने कृषि सिंगल विंडो की स्थापना की है।
समारोह के दौरान चिलचिलाती धूप के बावजूद व्यवस्था चुस्त रही। कुछ बाहर से आए प्रतिनिधियों को तेज धूप के कारण परेशानी हुई, जिसका तत्काल इलाज किया गया। समारोह को केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राव बीरेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी संबोधित किया।