नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्र के नाम अपने दूसरे संदेश में देश के निम्न, गरीब, वंचितजनों के साथ ही महिलाओं व बुजुर्गों के लिए नए वर्ष पर सौगात की घोषणाएं की। लघु व मध्यम व्यापारियों को भी उन्होंने कई तोहफों से नवाजा।
नोटबंदी पर पिछले 50 दिनों के दौरान लोगों को पेश आई दिक्कतों का जिक्र करते हुए उन्होंने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने पर जोर दिया। साथ ही देशवासियों से कहा कि भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ शुरू की गई इस लड़ाई को रुकने नहीं देना है।
प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि सरकार वरिष्ठ नागरिकों को बैंकों में जमा पर 7.5 लाख रुपए के जमा पर 8 प्रतिशत का ब्याज देगी साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए भी उन्होंने घोषणा की कि सरकार देश के 650 जिलों में गर्भवती महिलाओं को 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद देगी।
यह राशि गर्भवती महिला के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी ताकि वह पौष्टिक आहार, डिलिवरी, बच्चे के टीकाकरण आदि का खर्च वहन कर सके।
प्रधानमंत्री ने किसानों को सहूलियत देते हुए कहा कि अगले तीन महीने में तीन करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड को रूपे कार्ड में बदला जाएगा ताकि किसान पैसे के लिए बैंक में जाने की बजाय सीधे कहीं से भी जरूरत का सामान खरीद सकें।
मोदी ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में नए घर लेने वालों के लिए दो नई योजनाएं लाई है। इसके तहत 2017 में घर बनाने के लिए नौ लाख रुपए तक ब्याज पर कर्ज मेंचार प्रतिशत की छूट, 12 लाख रुपए तक के कर्ज पर ब्याज में तीन प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
योजना के तहत गांवों में बनने वाले घरों में पहले से 33 प्रतिशत ज्यादा घर बनाए जाएंगे। गांवों में घरों के विस्तार के लिए 2017 में दो लाख रुपए तक के ऋण में तीन प्रतिशत ब्याज की छूट दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि बीते दिनों देश में चारों तरफ ऐसा वातावरण बना दिया गया कि कृषि क्षेत्र बर्बाद हो गया। लेकिन ऐसा नहीं है। इस साल रबि की बुआई में छह प्रतिशत की ज्यादा बुआई हुई है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने खरीफ और रबी की फसल की बुवाई के लिए कर्ज लिया है, उस कर्ज का 60 दिन का ब्याज सरकार भरेगी।
उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों को दिए जाने वाला कर्ज अब एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ किया जाएगा। सरकार ट्रस्ट के माध्यम से बैंकों से कहेगी कि छोटे व्यापारियों को लोन दें, गारंटी हम लेंगे साथ ही छोटे व्यापारियों के लिए कैश क्रेडिट 20 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दी गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के दौरान बैंक कर्मचारी, पोस्ट ऑफिस कर्मियों ने बहुत सराहनीय काम किया है। जिन बैंक कर्मचारियों ने नोटबंदी के दौरान गड़बड़ी की है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। बैंकों से आग्रह है कि वे अपनी परंपरागत प्राथमिकताओं से बाहर आकर गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों को ध्यान नें रखकर काम करें।
किसी देश के लिए शुभ संकेत है कि उसके नागरिक कानून का पालन करते हुए मुख्यधारा में वापस आ रहे हैं। काल के कपाल पर अंकित हो चुका है कि जनशक्ति का मतलब क्या होता है।