नोएडा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि जनता में सामान्य कल्याण की भावना का अभाव देश के लिए हानिकारक था, लेकिन सुशासन ने एक समाधान पेश किया है।
उन्होंने कहा कि अगर हम गौर से समस्याओं को देखें, तो सुशासन की अनुपस्थिति उनमें से एक कारण है। हर कोई अपने हित में काम करना चाहता है। यह हमारी प्रकृति बन चुकी है। इसने देश को बरबाद कर दिया है। लेकिन मैंने इसे बदलने का फैसला किया है।
मोदी ने यहां दिल्ली मेट्रो के मैजेंटा लाइन के एक खंड का उद्घाटन करते हुए एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सुशासन के कारण औद्योगिक उत्पादन और अन्य कार्यो में तेजी आई है।
उन्होंने कहा कि मास और रैपिड ट्रांसपोर्ट, मल्टी-मोड ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर्स समय की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे महंगे विकल्प हो सकते हैं, लेकिन आने वाले समय में काफी लाभदायक होंगे।
मोदी ने इस मौके पर अपनी सरकार द्वारा उठाए गए सुशासन के कदमों की जानकारी दी और कहा कि सुशासन से निर्धारित समय सीमा में कार्यक्रमों को लागू करने में मदद मिली है।
उन्होंने कहा कि कोई बच्चा भी इसे मानेगा कि अगर यूरिया का उत्पादन बढ़ाना है तो नई फैक्टरियां लगानी होगी। हालांकि हमारी सरकार ने बिना एक भी नई फैक्ट्री लगाए यूरिया के उत्पादन में अतिरिक्त 20 लाख टन की वृद्धि की। ऐसा इसलिए संभव हुआ क्योंकि हमारी सरकार का जोर सुशासन पर है, जिसे ध्यान में रखकर हम नीतियां बनाते हैं और लागू करते हैं।
मोदी ने कहा कि जब मेरी सरकार सत्ता में आई, तो रेलवे लाइन बिछाने की गति दोगुनी बढ़ गई, क्योंकि हमारी नीतियां स्पष्ट है और इरादा नेक है। वहीं, माल ढुलाई की वृद्धि दर पिछली सरकार के कारण नकारात्मक थी, जब मेरी सरकार आई तो इसकी वृद्धि दर बढ़कर 11 फीसदी हो गई।
उन्होंने कहा कि नीतियों में स्पष्टता से भ्रष्टाचार की संभावना बेहद कम हो जाती है। मोदी ने कहा कि सरकार देश में मेट्रो नेटवर्क को सुधारने पर काम कर रही है, ताकि कच्चे तेल की खरीदारी पर मूल्यवान विदेशी मुद्रा का इस्तेमाल बंद हो सके।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें अपने सुशासन के लिए भारत भाग्य विधाता कहा जाना चाहिए, जिन्होंने देश के सभी कोनों को जोड़ने का काम किया था।
मोदी ने कहा उनकी सरकार 25 दिसंबर को अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मना रही है। उन्होंने कहा कि उनके शासनकाल में देश का हर गांव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जुड़ा होगा।
मोदी ने कहा कि मध्यकालीन शासक शेरशाह सूरी द्वारा ग्रैंड ट्रंक रोड के निर्माण के बाद वाजपेयी ही वह व्यक्ति थे जिन्होंने स्वर्णिम चर्तुभुज परियोजना के माध्यम से देश को जोड़ने का सपना देखा था तथा प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान इसे प्रोत्साहन दिया था।