नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पाकिस्तान अगर भारत से बातचीत चाहता है तो उसे आतंकवाद से दूर होना होगा।
प्रधानमंत्री मंगलवार को यहां दूसरे रायसीना डायलॉग के उद्घाटन के मौके पर 65 देशों के 250 से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अलग अलग वजहों से दुनियाभर में बड़े बदलाव हो रहे हैं और 2014 में हिन्दुस्तान के लोगों ने बदलाव के लिए हमारी सरकार को मौका दिया।
हम भारत को आगे बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि केवल अपने फायदे की बात करना हमारी संस्कृति नहीं रही है। ‘सबका साथ, सबका विकास’ केवल भारत के लिए नहीं है बल्कि पूरे विश्व के लिए है।
पिछले ढाई साल में हमने शांति के लिए काम किया है। अफगानिस्तान में इसकी मिसाल देखी जा सकती है। भारत और अफगानिस्तान के बीच मजबूत हुए रिश्ते हमारे प्रयासों की मिसाल है। प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान अगर भारत से बातचीत चाहता है तो उसे आतंकवाद से दूर होना होगा।
मैं लाहौर भी गया था, लेकिन शांति के रास्ते पर अकेले नहीं चला जा सकता है। मैं पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते चाहता हूं। शपथ ग्रहण के मौके पर मैंने पाकिस्तान के साथ सार्क के सभी देशों को आमंत्रित किया था। जो लोग हिंसा, घृणा और आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, हमने उन्हें अलग-थलग किया है।
हम अच्छे और बुरे आतंकवाद में भेद खत्म करके इसे धर्म से अलग करना चाहते हैं। यूरोप के साथ हमने भारत के विकास के लिए समझौते किए। हमनें स्मार्ट सिटी बनाने के लिए मदद ली।
हमने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से भी विकास के लिए सहयोग पर बात की है। ग्लोबलाइजेशन के साथ चुनौतियां भी हैं। ग्लोबल वॉर्मिंग से लड़ने के लिए हमने कड़े कदम उठाए हैं और हमने प्रयास शुरू कर दिए हैं।