नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10वें सिविल सेवा दिवस के अवसर पर प्राथमिकता कार्यक्रमों को लागू करने में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार प्रदान किए।
प्राथमिकता कार्यक्रम प्रधानमंत्री जनधन योजना के लिए नागांव असम को पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्य श्रेणी में, केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ और अन्य राज्य समूह में नॉर्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल को पुरस्कार प्रदान किए गए।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अधीन पश्चिम सिक्किम और राजस्थान में बीकानेर को क्रमश: पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों तथा अन्य राज्यों की श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए।
स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम के तहत अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर, दादरा और नगर-हवेली तथा अनंतपुरम, आंध्र प्रदेश को क्रमश: पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य राज्य समूह में पुरस्कृत किया गया।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के कार्यान्वयन में हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश और बलरामपुर, छत्तीसगढ़ को क्रमश: पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्य तथा अन्य राज्य समूह में पुरस्कार दिए गए।
प्रधानमंत्री ने पुरस्कार विजेताओं को उनके सफल प्रयासों के लिए बधाई देते हुए कहा कि उनकी सफलता अन्य सिविल सेवकों के लिए प्रेरणादायक सिद्ध हो सकती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष पुरस्कारों पर विचार करने के लिए 74 सफलता की कहानियों को चुना गया, जो यह दर्शाती है कि पिछले वर्षों की तुलना में इस दिशा में काफी बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने कहा कि यह फिर भी केवल भारत के 10 प्रतिशत जिलों का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने सभी जिलों से इस बारे में अधिक सक्रिय होने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने सिविल सेवकों से लोगों के हित में उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए नये तरीके सोचने और उनका प्रयोग करने में साहसी होने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने सिविल सेवकों से अपने-अपने संगठनों और विभागों में परिवर्तन का एजेंट बनने का आह्वान किया। सिविल सेवा दिवस के अवसर पर सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 21 सदी में सिविल सेवकों को अपनी भूमिका को फिर से परिभाषित करने तथा नियंत्रित करने वाली, विनियमित करने वाली और प्रबंधकीय क्षमताओं से आगे बढ़ने और अपने आप को एक परिवर्तन एजेंट के रूप में सोचने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने सिविल सेवकों से टीम बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि उनके ‘रिफॉर्म टू ट्रांसफोर्म’ मंत्र की सिविल सेवकों द्वारा ‘रिफॉर्म टू परफॉर्म टू ट्रांसफॉर्म’ के रूप में व्याख्या की जानी चाहिए।
शासन के प्रमुख क्षेत्रों में उनकी पहल पर गौर करने के लिए सचिवों की हाल की समितियों का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने इन मुद्दों के लिए कार्यालय समय के बाद और छुट्टी के दिनों में भी स्वेच्छा से काम किया है। उन्होंने कहा कि इन टीमों ने सफलतापूर्वक लीक तोड़कर नये विचार और सुझावों को प्रस्तुत किया है। इन्होंने इस कार्य के लिए 10,000 श्रम घंटे समर्पित किए हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने चेंजमेकर्स और ट्रांसफार्मिंग इंडिया नामक दो पुस्तकों का भी विमोचन किया। इस अवसर पर केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास स्वतंत्र प्रभार, प्रधानमंत्री कार्यालय, जनशिकायतें एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पिछले दो वर्षों में सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन’ देने के लिए निर्धारित लक्ष्यों की दिशा में अधिक नागरिक केंद्रित हो गई है।
भारत की 65 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। इसलिए नागरिक केंद्रित, युवा केंद्रित हो गया है। उन्होंने प्रशासनिक सुधार और जन शिकायतें विभाग की पहलों का उल्लेख किया जिनमें अपने अनुभव साझा करने के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए अनुभव पोर्टल ‘भविष्य’, नागरिकों द्वारा कागजातों का स्वयं सत्यापन और जूनियर ग्रेड सेवाओं के लिए इंटरव्यू समाप्त करना शामिल हैं।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि लगभग ऐसी 90 प्रतिशत शिकायतों का विभाग द्वारा निराकरण किया जा रहा है और उन्होंने नागरिकों को अपनी शिकायतों के निराकरण के संबंध में जानकारी लेने के लिए बुलाना शुरू कर दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने कर्मचारियों के लिए काम के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। ये पहल ट्रांसफर नीति और काम के लिए पुरस्कारों, एलटीसी की सुविधा और योग कक्षाओं के बारे में है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ‘गवर्नेंस विद ए डिफरेंस’ के लक्ष्य को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने कहा कि इस वर्ष पहली बार केंद्र सरकार के प्राथमिकता कार्यक्रम को लागू करने के लिए पुरस्कार दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुरस्कार प्राप्त जिलों की सूची संक्षिप्त करने के लिए स्थल दौरों सहित बहुत परिश्रम किया गया है। नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने सचिवों के समूह की रिपोर्टें लागू करने की स्थिति पर प्रजेंटेंशन दिया।
उन्होंने समग्रता और समानता के साथ त्वरित विकास, रोजगार सृजन, रणनीतियां, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, वैश्विक पहुंच एवं गुणवत्ता, सुशासन- चुनौतियां एवं अवसर, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में किसान केंद्रित मुद्दे, स्वच्छ भारत और गंगा संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण एवं निपुनता तथा नवाचार बजट और प्रभावी कर्यान्वयन सहित 8 विषयों के संबंध में की गई और की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में जानकारी दी।
सिविल सेवा दिवस समारोह का रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को उद्घाटन किया था। उन्होंने केंद्र, राज्य जैसे सभी हितधारकों का राष्ट्र विकास के साझा उद्देश्य के लिए काम करने का आह्वान किया था। सिविल सेवा दिवस समारोह दो दिन तक मनाया गया है, जिसमें विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले 1200 से अधिक सिविल सेवक 8 सत्रों में भाग लिया।
इन सत्रों की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्रियों/ श्रेष्ठ व्यक्तियों ने की। प्रशासनिक सुधार और जन शिकायतें विभाग के सचिव श्री देवेन्द्र चौधरी ने सिविल सेवा दिवस समारोह के दौरान अपनी भागीदारी और मार्गदर्शन के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों को धन्यवाद दिया। पूर्व कैबिनेट सचिवों, सचिवों राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र तथा राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सिविल सेवा दिवस समारोह में भाग लिया।