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pm narendra modi raises india's concern over CPEC with xi jinping
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मुश्किल से बने रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए चीन-भारत तैयार

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मुश्किल से बने रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए चीन-भारत तैयार
pm narendra modi raises india's concern over CPEC with xi jinping
pm narendra modi raises india's concern over CPEC with xi jinping
pm narendra modi raises india’s concern over CPEC with xi jinping

हांगझाउ/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद कहा कि चीन भारत के साथ अपने रिश्तों को बनाए रखने और सहयोग बढ़ाने के लिए काम करने को तैयार है। यह रिश्ते बड़ी मुश्किल से बेहतर हुए हैं।

दरअसल भारत और चीन के बीच विभिन्न मुद्दों पर मतभेदों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपनी चीन यात्रा पर हैं। हनोई में अपनी दो दिवसीय यात्रा पूरी करके मोदी शनिवार रात को हांगझोउ पहुंचे थे।

जी-20 के नेताओं की बैठक से इतर मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच की यह बैठक रविवार सुबह हांगझोउ वेस्ट लेक स्टेट गेस्टहाउस में हुई। शी जिनपिंग ने मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि चीन भारत से अच्छे रिश्ते चाहता है। वह भारत-चीन के संबंधों को और आगे ले जाना चाहते हैं।

वहीं मोदी ने कहा कि भारत किर्गिस्तान में चीन एम्बेसी पर हुए आतंकी हमले की भारत निंदा करता है। मोदी ने चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर पर भारत की चिंता जाहिर की। 46 अरब डॉलर का यह कॉरिडोर पीओके में गिलगित-बाल्तिस्तान से गुजरने वाला है।

वहीं एनएसजी मेंबरशिप चीन की वजह से भारत को नहीं मिल पाई। इस पर भी नए सिरे से बातचीत हुई। भारत चीन से ट्रेड बैलेंस की मांग करता रहा है। भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने पर चीन हमेशा चुप रहा है। उसका झुकाव केवल निर्यात बढ़ाने पर है।

इसके साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया कि हांगझोउ में पहली बैठक मेजबान के साथ हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक कई विवादित मुद्दों की पृष्ठभूमि में हुई है।

इन मुद्दों में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध किए जाने, चीन द्वारा परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता रोकी जाने और 46 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का मुद्दा शामिल है।

तीन महीनों से भी कम वक्त में मोदी और शिनपिंग के बीच यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले दोनों नेताओं के बीच पिछली मुलाकात ताशकंद में जून में आयोजित हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान हुई थी। इनकी अगली बैठक अगले माह गोवा में आयोजित होने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान होगी।