पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को एदिवसीय दौरे पर पटना हाईकोर्ट के शताब्दी समापन समारोह में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह शताब्दी समारोह नई सदी की जिम्मेवारियों की शुरुआत है। पीएम ने कहा कि पटना हाईकोर्ट देश को बहुत कुछ दे सकता है।
पटना हाईकोर्ट ने देश को कई महापुरुष दिए है। पटना हाईकोर्ट ने पास एक शताब्दी की विरासत है। मोदी ने इस दौरान कोर्ट में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की अपील भी की। शताब्दी समापन समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि टेक्नोलाजी के इस्तेमाल से जल्द न्याय मिलेगा और क्वालिटी और जजमेंट में भी सुधार होगा।
मोदी ने कहा कि आज के बार के लोग पहले के लोगों से ज्यादा भाग्यवान हैं। आज उन्हें टेक्नोलॉजी का सपोर्ट मिलता है। पहले जब किसी केस में रिफरेंस निकालना होता था तो बहुत समय लगता था। आज गूगल की मदद से सब आसानी से पता चल जाता है।
पीएम ने कहा कि आजादी की लड़ाई में बार मेंबर और वकील सबसे आगे थे। वकील जानते थे कि कैसे बुद्धि का इस्तेमाल कर अंग्रेजी हुकूमत को भगाया जा सकता है। पीएम ने कहा कि ब्रिटेन यात्रा के दौरान मुझे एक सुखद अनुभूति हुई थी।
भारत के स्वतंत्रता सेनानी मदन लाल ढींगरा लंदन में रहकर कोर्ट में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते थे। उस समय की बार काउंसिल ने उनकी डिग्री जब्त कर ली थी। ब्रिटेन के पीएम डेविड कैमरून ने मुझे डिग्री लौटकर उन्हें फिर से सम्मानित किया था।
बीती शताब्दी से हैं सीखने की जरूरत
पीएम ने कहा कि हमें बीते 100 साल से सीख लेते हुए आगे के 100 साल के लिए मजबूत नींव रखने की जरूरत है।अगली शताब्दी कैसी हो इसकी जिम्मेदारी यहां बैठे सभी लोगों की है।
अगली शताब्दी की नींव जितनी पक्की होगी उतना ही लोगों का न्याय और लोकतंत्र के प्रति विश्वास गहरा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजन के साथ नए संकल्प लेने का भी अवसर होता है। पटना हाईकोर्ट और यहां के बार ने अनेक महापुरुषों को जन्म दिया है। अनेक महान लोग आपने बीच से निकले हैं। आगे भी ऐसी परंपरा बनी रहेगी मुझे इसका भरोसा है।
मोदी ने कहा कि मैं जब गुजरात का सीएम था तब एक स्कूल के स्थापना समारोह में गया था। जिस गांव में स्कूल था उसमें साक्षरता का दर करीब 30-32 फीसदी था। मुझे पता चला कि उस गांव में 120 साल से स्कूल था। तब मुझे लगा कि अगर व्यवस्था समय के अनुकूल और प्रोग्रेसिव नहीं होगी तो हम समय के साथ नहीं चल सकते। हमारे सामने चुनौती है कि व्यवस्था को प्राणवान बनाए रखें। इस दिशा में 100 साल के अनुभव का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
पीएम ने कोर्ट में पड़े पेंडिंग केस पर जताई चिंता मोदी ने कहा कि मेरा एक सुझाव है कि क्या कोर्ट में हर वर्ष एक बुलेटिन निकाल सकते हैं। जिसमें यह लिखा हो कि हमारे कोर्ट में कितने पुराने केस पेंडिंग हैं। कोई केस 50 साल से पेंडिंग है तो कोई 60 साल से। इसके लिए आप लोग जिम्मेदार नहीं हैं, उस समय के लोग तो रिटायर्ड हो गए होंगे। इसमें कोई गलत बात नहीं है। इससे लोग चर्चा करेंगे। इससे अच्छा माहौल बनेगा, जिससे कोर्ट में कम केस पेंडिंग रहेंगे।
पीएम मोदी पटना हाइकोर्ट की स्थापना के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में भाग लेंगे के बाद वे रेलवे की ओर से हाजीपुर में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रवाना हो गये। हाईकोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश न्यायाधीश टीएस ठाकुर, केंद्रीय कानून मंत्री सदानंद गौड़ा। राज्यपाल रामनाथ कोविंद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंच पर मौजूद रहे।
पटना हाईकोर्ट के न्याय निर्णय हम सब के लिए गौरव : नीतीश कुमार
शताब्दी समारोह में शिरकत करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज पटना हाईकोर्ट का शताब्दी समारोह का समापन हो रहा है। आज हाईकोर्ट ने 100 साल पूरे कर लिए। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री उपस्थित हैं और मैं उनका स्वागत करता हूं। मुख्य न्यायाधीश का भी स्वागत करता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौरव की बात है कि इस हाईकोर्ट में देशरत्न राजेंद्र बाबू ने प्रैक्टिस किया था। यहां के न्याय निर्णय की काफी अहमियत रही है। यहां एक से एक विद्वान अधिवक्ता काम करते रहे हैं। उन सब के लिए यह गौरव का दिन है। लोकतंत्र में इंडिपेंडेंट जूडिशियरी की बड़ी भूमिका है।
नीतीश ने कहा कि जो भी जूडिशियरी की आवश्यकता है, हम अपने सीमित संधाधनोंं के बावजूद पूरा करने की कोशिश करते हैं। केंद्र व राज्य सबका दायित्व है कि जूडिशियरी को मजूबत करें। मैं केंद्रीय मंत्री से राशि को समय पर रीलीज करने का आग्रह करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर इंसान को न्याय मिलेगा तो उसका विश्वास लोकतंत्र में और गहरा होगा। भारत में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं।