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न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेलिब्रिटी शेफ विकास खन्ना द्वारा अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को उपहार में दिए जाने वाले एक भारतीय ‘ध्वज’ पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए जिसके बाद कड़ी प्रतिक्रियाएं आईं और इसके बाद सरकार ने जोर देते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा नहीं था।
सोशल मीडिया पर मोदी के तिरंगे पर दस्तखत करने का मुद्दा छा गया जिसके बारे में खन्ना ने कहा था कि वह उसे ओबामा को भेंट करेंगे।
खन्ना ने गुरुवार रात फारॅ्च्यून 500 में सूचीबद्ध कंपनियों के सीईओ के साथ प्रधानमंत्री मोदी के रात्रिभोज का मेन्यू तैयार किया था। शेफ ने प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर वाला कपड़े का टुकड़ा मीडिया को भी दिखाया। सरकार के प्रवक्ता फ्रेंक नोरोन्हा ने इस बात से इनकार किया कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज पर हस्ताक्षर किए थे।
उन्होंने कहा कि इसे जब्त नहीं किया गया है जिस तरह की खबरें हैं। पत्र सूचना कार्यालय में महानिदेशक मीडिया और संचार नोरोन्हा ने नई दिल्ली में कहा कि वह कपड़े का टुकड़ा एक ‘विशेष रूप से सक्षम’ लड़की की हस्तशिल्प कृति था और प्रधानमंत्री ने सहानुभूति के आधार पर उस पर हस्ताक्षर किए थे।
इससे पहले मीडिया में यह खबर आग की तरह फैल गई थी कि मोदी ने न्यूयार्क में राष्ट्रीय ध्वज वर ऑटोग्राफ दिया है। इसे लेकर सोशल मीडिया में तूफान खड़ा हो गया। ट्विटर पर इसे लेकर प्रतिक्रिया जताने वालों का तांता लग गया। कांग्रेस ने मौका न चूकते हुए जहां इसे लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा, वहीं कई पत्रकारों और बुद्धिजीवियों का कहना था कि मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है।
विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मौका न चूकते हुए प्रधाानमंत्री पर इसे लेकर सीधा निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप भसह सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा कि राष्ट्रीयता की दलील देने वालों से राष्ट्रध्वज का ऐसा अपमान किए जाने की उम्मीद नहीं रहती। जो लोग हर वक्त राष्ट्रीयता की हामी भरते हैं, उन्हें ऐसी बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।
बिना बात के विवाद खड़ा कर रही है कांग्रेस : भाजपा नई दिल्ली। भाजपा ने कांग्रेस पर बिना किसी बात के विवाद खड़ा करने का और प्रधानमंत्री पर ‘असंगत और अनुचित’ टिप्पणी करने का आरोप लगाया। इससे पहले कांग्रेस ने मोदी की अमरीका यात्रा के दौरान तिरंगे पर हस्ताक्षर किए जाने पर उनकी आलोचना की।
भाजपा ने इस मुद्दे के सहारे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पार्टी मोदी की संकीर्ण आलोचना करके अपने नेताओं की गैरमौजूदगी को ढकने की कोशिश कर रही है जो विदेश में छुट्टी मना रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता जी वी एल नरसिंह राव ने कहा कि कांग्रेस इस तरह के मुद्दे उठाकर संकीर्णता दिखा रही है और बिना बात के विवाद खड़ा कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास वाकई विवाद खड़ा करने के लिए कुछ नहीं है। वह अपने पूरे नेतृत्व की गैरमौजूदगी को छिपाने के लिए ऐसा कर रही है जो सम्मेलनों में शामिल होने के बहाने विदेश में छुट्टी मना रहा है। राव ने कहा कि कांग्रेस मोदी की बढ़ती लोकप्रियता से हताश है और इसलिए हर मुद्दे पर उनके बारे में ‘अनुचित और असंगतÓ बयान दे रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को उपहार में दिए जाने के लिए न्यूयॉर्क में तिरंगे पर दस्तखत किए थे जिस पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आप कितने भी ऊंचे पद पर हो सकते हैं। लेकिन राष्ट्रीय ध्वज आपसे ऊंचा है। आपको इसे समझना चाहिए। भाजपा ने कांग्रेस की इस प्रतिक्रिया पर ही पलटवार किया।
वहीं दूसरी ओर कुछ ने इस मामले पर प्रधानमंत्री का बचाव भी किया। जाने माने पत्रकार वीर संघवी ने ट्विटर पर लिखा कि मुझे यह कहते हुए अफसोस हो रहा है कि एक मामूली सी बात का बतंगड़ बना दिया गया। तिरंगे पर हस्ताक्षर करने से उसका अपमान कैसे हो गया। समय आ गया है कि राष्ट्रीय प्रतीकों के बारे में हम अपनी सोच को ज्यादा परिपक्व बनाएं।
टीवी पत्रकार बरखा दत्त ने लिखा कि बात को बेवजह बढ़ाया जा रहा है। जिस तिरंगे पर प्रधानमंत्री ने आटोग्राफ दिया था, उसे राष्ट्रीय प्रतीकों के सबंध में बनाए गए कानून का ध्यान रखते हुए वापस ले लिया गया। बात यहीं खत्म हो जाती है। इसे लेकर इतना विवाद किस लिए। राष्ट्रीय ध्वज कानून में यह स्पष्ट कहा गया है कि देश के झंडे पर कुछ भी अंकित करने या लिखने को ध्वज का अपमान माना जाएगा। इस कानून के तहत राष्ट्रीय ध्वज पर कुछ भी लिखा जाना निषिद्ध है।