गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मंगलवार को घोषणा की कि असम के कुछ समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की लंबे समय से की जा रही मांग को मंजूरी देने का काम अंतिम चरण में है।
मोदी ने बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र जिला (बीटीएडी) के कोकाराझार स्थित मुख्यालय में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के महापंजीयक और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग ने इन समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की अनुशंसा कर दी है तथा मंत्रिमंडल जल्द ही इसे मंजूरी दे देगी, जिसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा।
मोदी ने अधिक प्रशासनिक और अकादमिक स्वायत्ता के लिए कोकराझार के केंद्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान को उन्नत करने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि असम के निचले इलाके में रूपसी हवाई अड्डे का संचालन फिर से शुरू किया जाएगा। साथ ही सियालदह-गुवाहाटी कंजनजंगा एक्सप्रेस अब दक्षिण असम के सिलचर तक चलेगी।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि असम के मैदानी इलाकों में रह रहे कर्बी समुदाय के लोगों और पर्वतीय क्षेत्रों में रह रहे बोड़ो लोगों को जनजातीय दर्जा दिया जाएगा और इसकी प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। मोदी ने कहा कि उन्होंने निर्देश दिया है कि पूर्वोत्तर से युवाओं को दिल्ली पुलिस में भर्ती किया जाना चाहिए और प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने सही कहा था कि केंद्र सरकार से भेजे जाने वाले प्रत्येक एक रुपए में से केवल 15 पैसे ही सही जगह पहुंच पाते हैं और हम इसकी इजाजत नहीं दे सकते। दिल्ली अब राज्य सरकारों से हिसाब मांगती है। उन्हें खर्च किए गए प्रत्येक रुपए का हिसाब रखना होगा। लोगों के धन की लूट को रोकना होगा।
मोदी ने कहा कि जब उन्होंने विकास कोष को लेकर जवाबदेही मांगी तो असम सरकार और पूर्वोत्तर में कई अन्य राज्य सरकारें परेशान हो गईं। उन्होंने कहा कि असम सरकार को हमें ब्यौरा देना होगा कि विकास का धन कहां चला गया। पूर्वोत्तर में सभी सरकारों को पूरा हिसाब किताब देना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय को निर्देश दिया है कि समूचा सचिवालय महीने में एक बार किसी भी पूर्वोत्तर राज्य में बैठक करे जहां लोग अपनी समस्याओं पर चर्चा करने के लिए आ सकें तथा राज्य से उसे आवंटित कोष का विस्तृत हिसाब किताब देने को कहा जा सके।