सबगुरु न्यूज-सिरोही/आबूरोड। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आबूरोड में करीब 15 हजार लोगों को संबोधित करेंगे। इसके लिए जरूरी सभी तकनीकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में देश दुनिया के करीब 70 से ज्यादा वीआईपी शामिल होंगे।
जिला सूचना अधिकारी विरेन्द्र गौड ने सबगुरु न्यूज का बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रहमाकुमारी के 80वे स्थापना दिवस पर यहां आ रहे देश विदेश के करीब 15 हजार से ज्यादा अनुयायियों को संबोधित करेंगे। इसके लिए एनआईसी को तैयारियां करने के निर्देश थे। प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रधानमंत्री के द्वारा वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यहां पर ब्रहमकुमारीज को संबोधित करने के लिए एनआईसी के माध्यम से सभी तैयारियां कर ली गई हैं।
एनआईसी प्रभारी विरेन्द्र गौड ने गुरुवार को डेस्क टाॅप पर दिल्ली और जयपुर से वीडियो-काॅन्फ्रेंसिंग करके पूरे सिस्टम को तैयार कर लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को शाम छह बजे प्रधानमंत्री कार्यालय से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आबूरोड के शांतिवन स्थित डायमंड हाॅल में आये अनुयायियों को संबोधित करेंगे। दरअसल, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री कार्यालय समेत देश के सभी सरकारी कार्यालयों में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग व अन्य आईटी सेवाएं एनआईसी की देखरेख में ही होती है।
ऐसे में सिरोही एनआईसी के प्रभारी विरेन्द्र गौड ने गुरुवार को प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले तकनीकी मार्गदर्शन के अनुसार सभी तकनीकी तैयारियां पूर्ण कर दी है। संस्थान राउटर और अन्य उपकरण लगाएगा, जिससे 26 मार्च को प्रधानमंत्री यहां पर उपस्थित जनसमुदाय को सीधा पीएमओ से संबोधित करेंगे।
-पूर्व में राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी कर चुके हैं संबोधित
ब्रहमकुमारी में 22 सितम्बर, 2006 कोे इसी तरह से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी इस डायमंड हाॅल में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों को संबोधित कर चुके हैं। उस समय वल्र्ड कांग्रेस आॅन क्लिीनिकल एंड प्रिवेंटिव कार्डियोलाॅजी की काॅन्ग्रेस के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति कलाम ने मदुरै से यहां पर दुनियाभर से आए हार्ट स्पेशियलिस्ट्स को संबोधित किया था।
उस समय भी सिरोही जिला सूचना अधिकारी विरेन्द्र गौड ने राष्ट्रपति कार्यालय से ब्रहमाकुमारी के डायमंड हाॅल में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के लिए समस्त तकनीकी तैयारियां की थी। उस समय वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग बहुत ही कम इस्तेमाल में आने वाली तकनीक थी और जिले में इसके लिए आवश्यक न्यूनतम तकनीकी सेटअप भी नहीं हुआ करता था।