नई दिल्ली। नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को नेताजी से जुड़ी फाइलों के पहले सेट को आधिकारिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक को सौंप दी है।
जानकारी के अनुसार आगामी 23 जनवरी, 2016 से नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने का काम शुरू किया जाएगा। जिसके तहत आज फाइलों का पहले सेट भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक को सौंपा गया।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र ने गत 14 अक्टुबर को नेताजी के परिवार के लोगों से मुलाकात के बाद घोषणा की थी कि 23 जनवरी 2016 से सरकार उनसे जुड़ी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करना शुरू करेगी। इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने सितंबर में नेताजी से जुडी 64 फाइलों को सार्वजनिक कर दिया था।
फाइलों को अंतिम रूप से जारी करने, उसके संरक्षण और डिजिटलीकरण करने की दिशा प्रधानमंत्री कार्यालय में मैजूद कुल 58 फाइलों में से 33 फाइलों के पहले सेट को जारी कर दिया गया है। वहीं गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय भी उनके विभाग में मौजूद फाइलों को जारी करने के लिए विशेष कदम उठा रही हैं ।
इससे पहले लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने बताया कि नेताजी से जुड़े दस्तावेजों को सौंपने के लिए केंद्र सरकार जापान, ब्रिटेन, इटली, रूस, अमेरिका और आस्ट्रिया की सरकारों से संपर्क किया है।
उधर राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री हरिभाई परथीभाई चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सरकार अपनी अभिरक्षा में रखी गई सभी फाइलों को उजागर करने के उद्देश्य से जांच कर रही है। आज की तारीख तक उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, गृह मंत्रालय के पास 12 फाइलें हैं। इन 12 फाइलों में से तीन फाइलें गोपनीय और 9 फाइलें उजागर श्रेणी में हैं।
गृह राज्य मंत्री ने बताया कि उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, आज की तारीख के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय के पास 58 फाइलें हैं। इन 58 फाइलों में से 41 फाइलें गोपनीय और 17 फाइलें उजागर हैं।
चौधरी के अनुसार विदेश मंत्रालय में नेताजी से संबंधित करीब 90 गोपनीय फाइलें हैं और रक्षा मंत्रालय के पास से इंडियन नेशनल आर्मी से संबंधित सभी गोपनीय रिकॉडो’ कुल 990 फाइलों को उजागर कर वर्ष 1997 में नयी दिल्ली के जनपथ स्थित राष्ट्रीय अभिलेखागार भेज दिया गया था।