नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षिक योग्यता पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। केजरीवाल के मुताबिक मोदी की एमए की डिग्री सार्वजनिक होने के बाद अभी भी यह संशय बना हुआ है कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री हासिल की थी अथवा नहीं? बिना बीए के एमए कैसे हो सकती है?
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने गुरुवार को ट्वीट करके आरोप लगाया कि खबरों के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री की डिग्री सुरक्षित नहीं है, इसका मतलब उन्हें नष्ट किए जाने की योजना बन रही है। उन्होंने ट्वीटर पर एक सार्वजनिक पत्र लिखकर प्रधानमंत्री और विश्वविद्यालय को बीए की डिग्री सार्वजनिक करने की मांग की है।
केजरीवाल ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली विश्वविद्य़ालय से कोई डिग्री प्राप्त नहीं की। दिल्ली विश्वविद्यालय के रिकोर्ड में न ही उनका एडमिशन फार्म है, न ही मार्कशीट है, न ही डिग्री की जानकारी और न ही अन्य रिकार्ड में उनका नाम है। यह अत्यन्त गम्भीर विषय है।
क्योंकि गुजरात विश्वविद्यालय का कहना है कि उन्होंने वहां से एमए किया है। अगर उन्होंने बीए ही नहीं किया, तो उनको एमए में दाखिला कैसे मिल गया? इससे संदेह पैदा होता है कि तब तो एमए की डिग्री फर्जी है।
केजरीवाल ने एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की डिग्री सुरक्षित नहीं है और कोई भी एक्सीडेंट हो सकता है। इससे यह शक पैदा होता है कि क्या एक्सीडेंट करवाने की तैयारी की जा रही है और उसके लिए भूमिका बनाई जा रही है? इन दस्तावेजों की हिफाजत के लिए उचित कदम उठाएं।
बेहतर होगा कि अगर ये सारे दस्तावेज़ तुरंत वेबसाइट पर डाल दिए जाएं। इस देश के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि उनके प्रधानमंत्री कितने पढ़े हुए हैं? और यदि प्रधानमंत्री की डिग्री पर इतने गम्भीर आरोप लगते हैं तो सचाई सामने आनी ही चाहिए।
जानकारी हो कि 2014 के लोकसभा चुनाव में खड़े होने के दौरान मोदी ने हलफनामे में लिखा था कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री ली है और गुजरात विश्वविद्यालय से एमए किया है। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के अनुसार उनके पास विस्तृत सूचना हासिल करने के लिए रोल नंबर आदि जैसी जानकारियां नहीं हैं।