काजीरंगा। असम में गेंडा संरक्षण के लिए स्थापित राष्ट्रीय अभयारण्य काजीरंगा में एक सींग वाले एशियाई गेंडों की हत्या का सिलसिला रुकता नजर नहीं आ रहा है। रविवार तडके करीब साढे तीन बजे शिकारियों ने एक गेंडे की हत्या कर दी। शिकारी उसका कीमती सींग काटकर ले जाने में भी सफल हो गए। इस घटना ने फिर से काजीरंगा में गेंडों की सुरक्षा को लेकर की गई व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लगा दिया है।
वन विभाग के अधिकृत अधिकारी के अनुसार रात के अंधेरे में काजीरंगा के बूढ़ा पहाड़ स्थित कठालसांग वन शिविर के पास संदिग्ध शिकारियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी। इसके बाद वन सुरक्षाकर्मियों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया। इस दौरान अवैध शिकारियों के साथ वन सुरक्षाकर्मियों की मुठभेड़ भी हुई, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। इसी दौरान एक मरा हुआ गेंडा भी मिला जिसका सींग काट लिया गया था। वन सुरक्षाकर्मी पूरे इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। काजीरंगा राष्ट्रीय अभ्यारण्य में नए वर्ष में गैंडों की हत्या का यह पहला मामला प्रकाश में आया है।
गत वर्ष 29 गेंडों की हत्या
कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बीते वर्ष ही 29 गेंडों की उनके सींग के लिए हत्या कर दी गई थी। वैसे इस दौरान कई बाद वन सुरक्षाकर्मियों ने शिकारियों को पकडा और कुछ को मुठभेड में ढेर भी किया। लेकिन, इसके बावजूद भी यह सिलसिला रुक नहीं रहा है। गुरुवार को ही वन सुरक्षाकर्मियों ने गेंडों के दो शिकारियों को मार गिराया था।
अवैध रूप से दवाइयों में इस्तेमाल
गेंडों के सींग का इस्तेमाल यौन उत्तेजना बढाने वाली दवाइयों में किया जाता है। इस कारण भारत के लिए एक सींग वाले गेंडों की जान पर भी आफत आई हुई है। वैसे भारत में इससे यौन उत्तेजना वाली दवाइयों में नहीं किया जाता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों में यह काम हो रहा है। इसी कारण अंतरराष्ट्रीय तस्कर इन निरीह गेंडों की हत्या करवाकर उनके सींग हासिल करने के लिए भारी रकम देते हैं। गेंडे के सींग की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत तीन लाख डाॅलर तक है। इसी कारण गेंडों की जान पर बनी हुई है। करीब 1800 सालों से चीन में दवाई के रूप में गेंडों के सींग के पाउडर का इस्तेमाल किया जाता रहा है। चीन ने 1980 में दवाइयों में गेंडे के सींग के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी। इसके बाद यह काम अवैध रूप में आ गया और अवैध तरीके से गेंडे के सींग का इस्तेमाल दवाइयों में करने के लिए गेंडों की हत्या शुरू हो गई। इनका इस्तेमाल वीयतनाम में बुखार और लीवर की दवाइयों में भी किया जाता है। कुछ दिनों पहले यहां पर यह अफवाह भी उडी थी कि गेंडे के सींग से उपचार करने से वहां के एक राजनेता का केंसर दुरूस्त हो गया। एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में उपचार के लिए इस तरह की अफवाहें भी गेंडों के लिए जानलेवा बनी हुई है।