सूरत। सिटीलाइट स्थित अग्रसेन भवन में रविवार को बिहार झारखण्ड समाज ट्रस्ट की महिला इकाई और पुलिस की सुरक्षा सेतु का महिला सुरक्षा सेमिनार आयोजित किया गया। इसमें महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस और मीडिया के दायित्व पर चर्चा हुई।…
इसमें मुख्य वक्त वर्तिका नन्दा ने कहा कि मीडिया और पुलिस के कंधों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है और दोनों मिलकर समाज में एक बडा बदलाव ला सकते है। नन्दा ने महिला सुरक्षा को लेकर खुद महिलाओं को भी सचेत होने की बात कहते हुए महिलाओं पर एसिड अटैक जैसे जघन्य अपराध को समाज के लिए कलंक बताया। स्त्री षक्ति पुरस्कार से नवाजी गई मीडिया 3605 यात्री नन्दा ने कहा कि महिलाओं को अपराधियों को बहिश्कार करना चाहिए ताकि उन्हें सबक मिले।
नन्दा ने यह तो माना कि इलेक्ट्रोनिक मीडिया महिला अधिकारों व महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों व अपराधों को लेकर संजीदा है। उन्होंने कहा कि आज टीवी पर सिर्फ महिलाओं के आंसू बिकते है। षहर पुलिस आयुक्त राकेष अस्थाना ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा की समस्या के लिए परिवार और समाज को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस महिलाओं को कानूनी संरक्षण दे सकती है, लेकिन महिलाओं के प्रति नजरिए को बदलने का काम मीडिया की प्रेरणा से परिवार व समाज को करना होगा।
डीसीपी षोभा भूतडा ने कहा कि मीडिया कई बार बहुत ज्यादा सेंसेटिव हो जाती है। मीडिया को पुलिस
7303 की कमियों के साथ- साथ उसके बेहतर कामों को भी लोगों तक पहुंचाना चाहिए, जिससे पुलिस के प्रति लोगों में भी विष्वास बढे । सेमिनार को ट्रस्ट के अध्यक्ष अजय चैधरी,लोकसभा टीवी के प्रोडयूसर चंद्रषेखर, महिला ईकाई अध्यक्ष रानी चैधरी आदि ने भी विचार रखे।