उदयपुर। जिले का छोटा सा कस्बा भीण्डर, जहां प्रतिदिन लाखों का सट्टा लगता है लेकिन आसपास रहने वालों तक को इसकी भनक नहीं। पुलिस ने कड़ी मेहनत से इस सट्टा कारोबार का भंडाफोड़ ही नहीं किया, बल्कि तीन सटोरियों को गिरफ्तार कर 19 मोबाइल, 8 केलकुलेटर, पर्चियों और कागज के 25 बण्डलों में 55 लाख रुपए का हिसाब-किताब पकड़ा है।
साथ ही उदयपुर और धरियावद के तीन-तीन बुकियों के भी नाम सामने आए हैं जो इसमें लिप्त थे। जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि जानकारी में आया कि भीण्डर थाना क्षेत्र में लाखों रुपए के सट्टे के तार जुड़े हुए हैं।
इस पर डिप्टी वल्लभनगर घनश्याम शर्मा और भीण्डर थानाधिकारी हिमांशुसिंह को विशेष रूप से जांच करने के लिए कहा था। भीण्डर थानाधिकारी ने जांच की तो पता चला कि भीण्डर में एक पुराने सटोरिए भगवतीलाल उर्फ भत्ता सोनी एवं उसके लोग सट्टा कारोबार में लिप्त हैं।
शंका के आधार पर उनके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकाली गई। जिसमें पता चला कि तय समय पर उनके पास कई फोन आते हैं। भगवतीलाल सोनी की सदर बाजार में ही सोने-चांदी की दुकान और मकान है। दुकान और मकान के बीच में उसने एक तलघर बना रखा था और वहां से सट़्टा कारोबार संचालित कर रखा था।
पुलिस की दबिश के दौरान तलघर में तीन आरोपी बैठे मिले। जिनके पास 19 मोबाइल, केलकुलेटर के साथ-साथ सट्टे की पर्चियों के 25 बण्डलों में हिसाब किताब लिखा पाया गया। उक्त सामान जब्त कर थाने लाकर पूछताछ की गई तो सट्टा कारोबार का सच सामने आ गया।
पकड़े गए आरोपियों में भगवतीलाल सोनी के बेटे दिलीप और महेश सोनी के अलावा भीण्डर निवासी प्रभुलाल पुत्र जगदीश वैरागी शामिल था। बरामद पर्चियों में करीब 55 लाख रुपए का हिसाब किताब लिखा हुआ था। पुलिस पूछताछ में आरोपियों से सट्टा लगाना स्वीकार कर लिया।
आरोपियों ने बताया कि उनके पास फोन आता था और इस फोन के आधार वे विभिन्न सट्टा कंपनियों पर अंकों के आधार पर सट्टा लगाते थे। इसके बाद जो लोग जीत जाते थे, उन्हें पैसा दे देते थे और जो हार जाते थे, उनसे पैसा ले लेते थे। पुलिस मामले में पूछताछ कर रही है।
मुम्बई से खुलते हैं सट्टे के अंक, चार कंपनियां है सट्टे की
थानाधिकारी हिमांशुसिंह ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में बताया कि उनके तार सीधे मुम्बई से जुड़े हैं। मुम्बई से ही प्रतिदिन सट्टे के अंक खुलते हैं और चार कंपनियों की एजेन्सी है। जिसमें कल्याण ओपन, मुम्बई ओपन, मधु और मिलन है। जिनका तीनों आरोपी काम करते थे।
एक दिन में चार बार अंक आते हैं
थानाधिकारी ने बताया कि मुम्बई में एक दिन में चार बार अंक खुलते हैं। सुबह 11 बजे, इसके बाद दोपहर को 3.30 बजे, 9.30 बजे और रात्रि को 11.30 बजे अंक खुलते हैं। इस दौरान तीनों आरोपी तलघर में ही रहते हैं और अंक खुलने के कुछ देर पहले सटोरियों से नम्बर और पैसा बुक करते हैं और जैसे ही अंक खुलते हैं तो फोन पर बता देते हैं।
धरियावद और उदयपुर के तीन-तीन बुकियों के नाम आए सामने
पूछताछ में आरोपियों ने उदयपुर के तीन मुख्य बुकियों के नाम बताएं हैं। जिसमें उदयपुर से रिंकू सरदार, बाबू और लक्ष्मण शामिल हैं। वही, धरियावद के बाबू भाई, दिनेश रामावत और चीना भाई के नाम सामने आए है। जिनकी जांच की जा रही है।
आरोपियों को मिलता है आठ प्रतिशत कमीशन
जांच में सामने आया कि इन आरोपियों का आठ प्रतिशत कमीशन तय है। चाहे कोई जीते या हारे। इसमें यह तय होता है हारने वाले से पैसा ये तीनों ही लेकर जमा करवाते हैं और जीतने वाले को उसके घर तक पैसा पहुंचाने का जिम्मा तीनों का ही है।
हवाला से होता है काम
सट्टे का सारा काम हवाले के जरिए होता है। सट्टा लगाने वाला हारने के बाद हारा हुआ पैसा हवाले के जरिए इनके पास भेजता और ये आगे भेज देते हैं। इसी तरह जीतने वाले के पास भी हवाले के जरिए पैसा भेजा जाता है।
होती है सारे फोनों की रिकार्डिंग
आरोपियों के पास मिले सभी 19 फोन में रिकार्डिंग सुविधा है और सट्टा लगाने वालों की आवाज रिकार्डिंग कर लेते हैं। ताकि कोई मुकर ना सके। पुलिस को इस रिकार्डिंग के आधार पर भी काफी जानकारी प्राप्त होने वाली है।