सबगुरु न्यूज-सिरोही। तमिलनाडू में रहने वाले डोडुआ के व्यापारी की हत्या की साजिश में शामिल एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार करके हत्या की गुत्थी का सुलझा ली है। पुलिस अब हत्या में शामिल मुख्य आरोपियों की तलाश में लगी है। दरअसल, हत्या का मूल कारण पारीवारिक रंजिश थी।
सिरोही पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश ने बताया कि पुलिस ने 20 मई को सिरोही के विजय पताका तीर्थ के पास तमिलनाडू में व्यापार करने वाले वृद्ध व्यापारी डोडूआ निवासी गिरधारीलाल खण्डेलवाल की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है। हत्या की साजिश में शामिल रानीवाडा निवासी पारस खंडेलवाल पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है।
जिसे मंगलवार को न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं हत्या का मुख्य आरोपी देवीचंद पुत्र पुखराज खंडेलवाल तथा हत्या में प्रयुक्त की गई डस्टर के चालक कृपाशंकर यादव तथा अन्य लोगों की तलाश जारी है। सबगुरु न्यूज। पुलिस उप अधीक्षक भवानीसिंह ने बताया कि हत्या के पीछे मुख्य वजह पारीवारिक विवाद है।
-मृतक के पुत्र का ममिया ससुर है मुख्य आरोपी
पुलिस के अनुसार गिरधारीलाल की हत्या का मुख्य आरोपी देवीचंद खंडेलवाल और साजिश में शामिल पारस खंडेलवाल मृतक गिरधारीलाल खंडेलवाल के बडे पुत्र के ममिया ससुर हैं। सूत्रों के अनुसार इस विवाद के पीछे प्रमुख कारण गिरधारीलाल के बडे पुत्र और मुख्य आरोपी की भांजी के वैवाहिक जीवन का मामला है।
पिछले करीब छह साल से गिरधारीलाल की पुत्रवधु अपने पीहर थी, जिसे लाने के लिए लम्बे अर्से से पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर प्रयास किए जा रहे थे। सामाजिक सूत्रों के अनुसार इस परिवार के विवाद को समाप्त करने के लिए समाज के कद्दावार लोगों तथा आबू-गोड परगना के पंचों ने भी कई बार प्रयास किया, लेकिन यह मसला सुलट नहीं पाया।
लडकी के परिवार वाले सामाजिक दबाव के बाद भी लडकी को नहीं ले जाने के पीछे प्रमुख कारण गिरधारीलाल की हठधर्मिता को मानने लगे थे। इसी कारण उसके मामाओं ने गिरधारीलाल की हत्या की साजिश तक रच दी।
-मुख्य आरोपी की ओर से आयोजित कार्यक्रम से ही लौट रहा था मृतक
सिरोही में खंडेलवाल समाज के सभी परगनों का बडा सालाना मेला चल रहा है। इस दौरान सिरोही से बाहर गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू समेत अन्य प्रदेशों के खंडेलवाल समाज के प्रवासी इसमें हिस्सा लेते हैं।
इसी दौरान समाज के लोग जिले भर में अपनी कुलदेवी और कुलदेवताओं के यहां भी पूजा-अर्चना और प्रसादी करते हैं। सूत्रों के अनुसार शनिवार को विजयपताका तीर्थ के निकट स्थित माताजी के मंदिर में आरोपियों के परिवार की ओर से धार्मिक आयोजन किया गया था।
पूरे समाज को इसमें शामिल होने का न्योता था तो गिरधारीलाल भी यहीं पर खाना खाने गए थे। इसके बाद जैसे ही वह खाना खाकर लौटने लगे शुरू से ही उनकी रैकी कर रहे आरोपियों ने लाठी व अन्य हथियारों से उनकी हत्या कर दी।
-यह था मामला
सिरोही में विजय पताका तीर्थ के निकट शनिवार दोपहर को एक वृद्ध का शव मिला। वृद्ध के शरीर में लगे हुए घाव से हत्या की आशंका जताई गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर वृ़द्ध का शव कब्जे में लेकर सिरोही जिला चिकित्सालय पहुंचाया। यहां पर उनके पुत्र आदि पहुंचे।
हत्या से आक्रोशित खंडेलवाल समाज के लोगों ने रविवार को कलक्टर बंगले का घेराव करके रास्ता भी जाम किया। इसके बाद भी शव नहीं उठाया। मृतक के पुत्र हेमंतकुमार की रिपोर्ट पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। मृतक के रिश्तेदारों ने पुलिस को पारिवारिक रंजिश में हत्या की भी आशंका जताई थी।
इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, डीएसपी सिरोही और अन्य पुलिस अधिकारियों व कार्मिकों की टीमें गठित की गई। लगातार प्रयास के बाद 48 घंटे में इस हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया।
-सीसीटीवी फुटेज और मौके पर मिले क्लू
रिपोर्ट दर्ज करवाते समय ही मृतक के रिश्तेदारों ने पुलिस का पारीवारिक रंजिश का शक जताया था। इधर, हजारों की संख्या में यहां आए खंडेलवाल समाज के लोगों में भी इस हत्या को लेकर चर्चाएं गर्म थी। इसे सुपारी किलिंग भी माना जा रहा था।
पारीवारिक रंजिश की जानकारी सामने आने पर पुलिस सबसे पहले गिरधारीलाल के पुत्र के ममिया ससुरों पर अपना ध्यान केन्द्रित किया। इसमें से देवीचंद का मोबाइल नम्बर दोपहर से ही बंद आ रहा था। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से यह भी जानकारी मिली की हत्या में डस्टर गाडी का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद पुलिस ने अपना ध्यान पारस खंडेलवाल और देवीचंद खंडेलवाल पर केन्द्रित किया।
पारस खंडेलवाल मिले तो उन्हें पूछताछ के लिए सिरोही बुलवाया गया। पूछताछ में वह ज्यादा देर तक इस वारदात के पीछे के मुख्य कारणों को छिपा नहीं पाया और इस पूरी वारदात को खोल दिया। अब पुलिस को मुख्य अरोपी देवीचंद समेत अन्य लोगों व हत्या में इस्तेमाल की गई डस्टर गाडी की तलाश है। इसके लिए पुलिस दल गठित कर दिया गया है।