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police disclose rangdhaam ashram murder and robbery case of sirohi
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रंगधाम आश्रम डकैती और हत्या का प्रकरण खुला, तीन आरोपी गिरफ्तार

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रंगधाम आश्रम डकैती और हत्या का प्रकरण खुला, तीन आरोपी गिरफ्तार
soordas maharaj room after loot and attack
stones scattered in soordas ashram near sirohi
stones scattered in soordas ashram near sirohi

सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर खाम्बल में स्थित रंगधाम आश्रम में डकैती  और हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में उदयपुर जिले के मांडवा थाना क्षेत्र से आरोपियों को गिरफतार किया है। अभी इस प्रकरण को अंजाम देने वाले अन्य लोगों की तलाश जारी है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत ने बताया कि सिरोही कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित खाम्बल में 7 अगस्त रात्रि को अज्ञात बदमाशों ने रंगधाम आश्रम में अनधिकृति प्रवेश करके महन्त सूरदास व अन्य करीब 8-9 भाविकों के साथ तलवार, सरिये, लट्ठ, पत्थर इत्यादि से मारपीट करके आश्रम से नगदी, जेवरात, मोबाईल वगैरह के लूटपाट की थी। इस घटना में अहमदाबाद (गुजरात) निवासी कन्हैयालाल प्रजापत के गंभीर चोटे लगने से मृत्यु हो गई थी व अन्य सभी भाविक घायल हो गये थे। महन्त का राजकीय चिकित्सालय सिरोही व पालनपुर ईलाज करवाया गया था। सिरोही की जनता व महन्त सूरदास के भाविको में भारी रोष व्याप्त रहा। कन्हैयालाल प्रजापत की मृत्यु होने से सर्व समाज, भाविक एवं प्रजापत समाज ने एकजुट होकर राजकीय चिकित्सालय के बाहर रोष व्याप्त रहा था।

1. soordas maharaj 2 mangalsingh 3 govind 4 lachudevi
1. soordas maharaj 2 mangalsingh 3 govind 4 lachudevi

घटना के सम्बन्ध में महन्त सूरदास के भाविक मालगांव निवासी मंगलसिंह पुत्र भीकसिंह राजपूत ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इस प्रकरण में तीन टीमें गठित करके आरोपियों की तलाश शुरू की गई। आप पढ रहे हैं सबगुरु न्यूज। कालन्द्री थानाधिकारी नरपालसिंह, हैड कांस्टेबल शिवपालसिंह, हैड कांस्टेबल घनश्यामसिंह, राजेन्द्रसिंह, कांस्टेबल देवीसिंह व चालक नन्दसिंह के दल ने इस संबंध में संपूर्ण जानकारी जुटाई और कम्यूटर आॅपरेटर भवानीसिंह के मिले तकनीकी इनपुट के आधार पर उदयपुर के मांडवा थाना क्षेत्र में आरोपियों तक पहुंचे। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाद हरा फली गुरा बोरली निवासी शिवा 25 पुत्र बाबू भील, समिया 28 पुत्र बाबू भील व तोरण निवासी देवा 28 पुत्र हकरा भील को दस्तियाब किया। तीनों अभियुक्तों को हिरासत में लिया जाकर पूछताछ करने पर इन्होंने खाम्बल गांव में सूरदास आश्रम में डकैती की घटना को अंजाम देना स्वीकार किया। इस मामले में एक बाल अपचारी भी संलिप्त मिला। घटना में संलिप्त अन्य मुल्जिमानों की दस्तयाबी के प्रयास जारी है।
-सरजावाव दरवाजे पर हर सुबह होता था आना
इस डकैती को अंजाम देने से पहले इन लोगों ने रैकी की। दरअसल, उदयपुर से सिरोही ये मजदूरी के लिए आया करते थे। सरजावाव दरवाजे पर सवेरे मजदूरों के साथ यह लोग भी खडा हुआ करते थे। जिसे मजदूरी का काम मिल जाता वह मजदूरी में लग जाता बाद में आसपास के इलाके में रैकी करता।

इसी रैकी के दौरान इन लोगों ने रंगधाम आश्रम को अपना निशाना बनाया। इस आश्रम में डकैती के लिए इन लोगों ने जानबूझकर 7 अगस्त की रात की तिथि तय की। यहां गुरु पूर्णिमा पर्व के बाद भाविकों की संख्या में बढोतरी हुई थी और यहां पर रात्रि में भी ज्यादा भाविक रहते थे। ऐसे में ज्यादा लोगों को लूटने में ज्यादा राशि मिलने की संभावना थी।
-एकत्रित हुए थे सुरंग के पास
लूट करने वाली रात को यह मोटरसाइकिल से उदयपुर जिले के मांडवा थाना क्षेत्र के अपने गांव से सिरोही आए थे। यहां पर फोरलेन पर स्थित सुरंग के पास स्थित नाडी के पास ये सब लोग एकत्रित हुए। यहां पर दो-तीन मोटरसाइकिलों से कुछ लोग रंगधाम आश्रम पहुंचे। चार-पांच लोग अपने वाहनों को नाडी के पास ही छोडते हुए मुख्य मार्ग को छोडकर जंगलों में होते हुए रंगधाम आश्रम पहुंचे। वहां पर इन लोगों ने मध्यरात्रि में डकैती की घटना को अंजाम दिया।
-आसान नहीं था पकडना
पुलिस के पास तकनीकी इनपुट भी आ गया था और आरोपियों की लोकेशन भी। सबसे बडी समस्या इन्हीं के इलाकों में जाकर इनसे पूछताछ करना और इन्हें दस्तियाब करना था। पुलिस सूत्रों के अनुसार कालन्द्री थानाधिकारी के नेतृत्व जब पुलिस दल तकनीकी इनपुट के साथ जब पहले व्यक्ति के पास पहुंचे तो उसे लकवा मारा हुआ था। उसने भी पुलिस को भ्रमित करने की कोशिश की और भटकाया। लगातार पूछताछ पर उसने जिस व्यक्ति का नाम बताया तो उसे दस्तियाब किया।

इस पर उसके समाज की दो दर्जन से ज्यादा महिलाओं ने पुलिस दल को ही घेर लिया। स्थानीय व्यक्ति से समझाइश करवाकर जब वह इस युवक को थाना लेकर पहुचे तो भीड वहां भी पहुची। थाने में मात्र तीन-चार पुलिस कर्मी ही थे। जैसे-तैसे दस्तियाब किए हुए युवक से पूछताछ की तो उसने पूरा प्रकरण खोल दिया। शेष युवकों को पुलिस ने हाथ डालने से पहले अपने आला अधिकारियों को यहां की स्थिति के बारे में बताया।

यहां पर दस्तियाब करने के दौरान पुलिस दल पर हमला होने की आशंका जताई तो रोहिडा, सरूपगंज, पिण्डवाडा थानाधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस दल वहां पहुंचा। वहां पर सिविल ड्रेस में पहले से ही कालन्द्री थानाधिकारी के नेतृत्व में दल मौजूद था। इन लोगों ने मिलकर शेष युवकों को दस्तियाब किया।
-पहले चार हजार दिए फिर वापस लिए
इस लूट प्रकरण का मास्टर माइंड अभी फरार है। पुलिस सूत्रों के अनुसार जब रंगधाम आश्रम में लूट की घटना को अंजाम देकर यह अपने गांवों की ओर लौटे तो रास्ते में मुख्य आरोपी ने लूटे गए 40 हजार रुपये में से सबको चार-चार हजार रुपये दिए।

फिर बाद में बंटवारा करने का कहते हुए यह राशि वापस ले ली। पुलिस को एक आरोपी के घर से 7-8 मोबाइल मिले। यह सभी पिण्डवाडा-उदयपुर मार्ग पर यात्रियों से लूटे बताए जा रहे हैं, लेकिन इसमें रंगधाम आश्रम में लूटे गए मोबाइल नहीं मिले।

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