जोधपुर। जोधपुर जेल हर बार की तरह इस बार भी सुर्खियों में है। जेल में जैमर लगे होने के बावजूद मोबाइल का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। हर बार चैकिंग के बावजूद कुछ न कुछ पुलिस के हाथ लगता ही है।
इस बार यह जेल फायरिंग प्रकरण को लेकर सुर्खियों में होने का संदेह पैदा कर रही है। पंजाब की फरीदकोट से जुड़े हो सकते हैं। कैदियों के पास मिल रहे मोबाइल व सिमें इस बात का साफ इशारा कर रहे है कि जेलों से अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।
सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें जेलों के कर्मचारियों की मिली भगत से यह हो रहा है वर्ना जेल में मोबाइल कहां पहुंच रहे है, यह प्रश्न खड़ा हो रहा है।
पुलिस आयुक्त अशोक कुमार राठौड़ ने शुक्रवार सुबह सात बजे पुलिस की टीमों को गठित कर जोधपुर जेल पर रेड देने भेजा। तब कैदियों की बैरक में घुसे पुलिसकर्मियों को वहां से 14 मोबाइल और 24 सिमें मिली। पुलिस ने इसी संदेह के आधार पर रेड दी कि जेल से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया है।
जोधपुर में 17 मार्च की सुबह प्रेक्षा अस्पताल के सामने समन्वय नगर में रहने वाले चिकित्सक सुनील चांडक और पत्रकार कॉलोनी न्यू पावर हाऊस में रहने वाले ट्रेवल एजेंसी संचालक मनीष जैन के घर के बाहर कारों पर हुई फायरिंग और आग लगाने की घटनाओं ने पुलिस की नींद उड़ा दी। साथ ही शहर वासियों में भी दहशत का माहौल बना डाला।
शुरुआती जांच के बाद पुलिस कुछ इस नतीजे पर पहुंची कि उक्त घटनाएं पंजाब की फरीदकोट जेल में बंद लारेंस विश्नोई की सूपा गैंग की तरफ से की गई। स्थानीय लोगों की मदद से इन वारदात का अंजाम दिया गया। पुलिस हालांकि वारदात से अभी तक पर्दा नहीं उठा पाई है। मगर कुछ संदिग्ध लोगों से पड़ताल चल रही है।
सूत्रों की माने तो पुलिस को पकड़े गए संदिग्ध लोगों से जेल से ही आपराधिक घटना को अंजाम दिए जाने की जानकारी मिली है। जोधपुर जेल में लारेंस के कुछ साथी है। आरंभिक पड़ताल से पुलिस ने जानकारी जुटाई कि जोधपुर जेल से मोबाइल पर बड़े अपराधी तत्वों का लिंक हो सकता है।
लारेंस विश्नोई के कुछ साथी इस जेल में है, जो वारदात को अंजाम देने संदिग्ध है। लारेंस से भी उनकी मोबाइल पर बात हो सकती है, ऐसा पुलिस कयास लगा रही है। फिलहाल मोबाइल व सिम की जांच पुलिस ने जेल से जब्त किए मोबाइल व सिम को जांच के लिए अपने पास रख लिया है।
इनकी कॉल डिटेल से पता लगाया जा रहा है कि इनका उपयोग किन किन लोगों से किया गया। फिलहाल पुलिस इसकी पड़ताल गहनता से कर रही है। जेल में सुबह तलाशी अभियान चलाने के समय पुलिस के करीबन डेढ़ सौ से ज्यादा पुलिस कर्मी और अधिकारी शामिल हुए हैं। जिन्होंने जेल के हर बैरक की तलाशी ली।