सूरत। सूरत शहर में चल रहे फर्जी स्टडी सेन्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गुजरात राज्य शिक्षा विभाग ने पुलिस कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है।
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय को शिक्षा विभाग ने पत्र भेजकर ऐसे स्टडी सेन्टरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के अनुसार कदम उठाने का निर्देश दिया है।
शहर में बिना विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और वीएनएसजीयू की मान्यता बिना के कई फर्जी स्टडी सेन्टर कार्यरत हैं। यह सभी विद्यार्थियों को रोजगार और उच्ची डिग्री प्रदान करने की लालच देकर फांस लेते हैं।
इसके बदले में लाखों रुपए की फीस वसूली जाती है। जब विद्यार्थी डिग्री लेकर रोजगार की तलाश करते हैं, तब उन्हें पता चलता है कि उन्की डिग्री फर्जी हैं। फर्जी डिग्री होने से उन्हें विश्वविद्यालय के किसी भी पाठ्यक्रम में आगे पढऩे के लिए प्रवेश भी नहीं मिलता है।
भूतकाल में सेंकड़ों विद्यार्थी सूरत शहर में चल रहे फर्जी सेन्टर के जांसे में आ चूके हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन भी किया गया है। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने राज्य सरकार पर इसका जिमा छोड़ कर अपना पल्ला जाड़ दिया है।
पिछले दिनों विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने फर्जी स्टडी सेन्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था। तब भी विश्वविद्यालय ने इस मामले में राज्य सरकार से राय मांगी थी।
एबीवीपी ने सौंपा था ज्ञापन
सीनेटर कल्पेश रावल की अगुवाई में एबीवीपी ने विश्वविद्यालय के कुलपति को शहर में चल रहे फर्जी स्टडी सेन्टरों की सूची सौंपी थी। इन पर कड़ी कार्रवाई
करने की मांग की थी। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने सरकार के पास राय मांगने का बहाना बनाकर बात को टाल दिया था।