नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया है कि उन्होंने अगर चुनाव प्रचार के लिए सरकारी पैसे या तंत्र का इस्तेमाल किया तो उनकी मान्यता रद्द हो सकती है।
आयोग ने एक आदेश में कहा कि वह राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार में सरकारी पैसे या तंत्र के इस्तेमाल के बिलकुल खिलाफ है।
उत्तर प्रदेश में सत्ता में रहते हुए बसपा की ओर से अपने चुनाव चिन्ह् हाथी का सार्वजनिक स्थलों में इस्तेमाल के मुद्दे पर चुनाव आयोग ने यह कदम उठाया है।
दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से इस मामले को चुनाव आयोग के पास भेज दिया गया था। हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनजर आयोग ने यह फैसला लिया है।
आदेश में कहा गया है कि कोई भी राजनीतिक दल सरकारी पैसे या सरकारी तंत्र का इस्तेमाल अपने चुनाव प्रचार के लिए नहीं कर सकता।
एक एनजीओ ने याचिका दायर कर दिल्ली हाई कोर्ट में बसपा के खिलाफ आरोप लगाया था कि सार्वजनिक स्थलों में हाथी की मूर्तियां बनाकर चुनाव में बसपा ने राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश की थी। चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों से भी राय ली थी।