donors addressing press in sirohi
सबगुरु न्यूज-सिरोही। अपना कद उंचा करने की कथित राजनीतिक महत्वाकांक्षा ने सिरोही में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की महत्वाकांक्षी योजना का गला घोंट दिया। सिरोही सभापति पर दानदाताओं ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन योजना के तहत सिरोही के तालाबों में जल सरक्षण तथा सिरोही शहर में मिनरल वाटर एटीएम स्थापित करने के लिए की गई 4 करोड 27 लाख रुपये की घोषणाओं को वापस ले लिया है।
पत्रकार वार्ता में दानदाता आदर्श चेरीटेबल ट्रस्ट के मुकेश मोदी, ज्ञान रमण फाउण्डेशन के पंकज गांधी तथा जल बिरादरी के प्रतिनिधि आशुतोष पटनी ने इसकी घोषणा की।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए महावीर जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत प्रवासी सम्मेलन के दौरान सिरोही शहर के तालाबों में जल संरक्षण के लिए आदर्श चेरीटेबल ट्रस्ट व ज्ञान रमण फाउण्डेशन ने 11-11 लाख तथा जल बिरादरी ने पांच लाख रुपये की घोषणा की थी। इस राशि से सिरोही के सात तालाबों को सौंदर्यीकरण करवाना था।
जैन ने बताया कि इसके तहत एक बैठक आयोजित करने के बाद मुख्यमंत्री जल संरक्षण योजना के तहत तालाबों में जल संरक्षण के तहत कार्य करने के लिए जिला कलक्टर से अनुमति ली गई।
जिला कलक्टर ने अनुमति दी, इसके साथ ही एक तकनीकी समिति भी गठित की, जिसमें तहसीलदार सिरोही, जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता, जल स्वावलम्बन योजना के सहायक अभियंता, नगर परिषद के सहायक अभियंता, नगर परिषद आयुक्त तथा भूजल विभाग के भू वैज्ञानिक शामिल थे।
इस कमेटी के निर्णय के बाद उनकी ओर से लाखेराव तालाब में चिन्हित स्थान पर मंगलवार को काम शुरू करवाया गया। इस काम की देखरेख के लिए दानदाताओं ने एक कार्यकारी समुह बनाया। जिसे अलग-अलग कार्य करने की जिम्मेदारी सौंपी।
जैन ने बताया कि इस कार्यकारी समुह को सिरोही सभापति ने समिति मानते हुए उन्हें इसमें स्थान नहीं दिए जाने के लिए समिति के सहयोगी को फोन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बाद सभापति ने जिला कलक्टर को लाखेराव तालाब को नगर परिषद का होने ओर इसमें नगर परिषद को शामिल नहीं करने के मुद्दे को लेकर इस कार्य को रोकने के लिए पत्र लिखा।
शाम तक कुछ अन्य लोगों ने भी काम रोकने के लिए भी प्रशासन को ज्ञापन दिए, जिसकी जांच किए बिना जिला कलक्टर के आदेश का हवाला देते हुए सिरोही एसडीएम और तहसीलदार ने इस कार्य को रुकवा दिया।
उन्होंने बताया कि गुरुवार को डाक बंगले में हुई बैठक में सभापति ने दानदाताओं से अपमानित किए जाने वाला व्यवहार किया। इसलिए दानदाताओं ने सिरोही के सातों तालाबों की खुदाई का कार्य रोकने का निर्णय किया है।
उन्होंने बताया कि जिस मिट्टी की रॉयल्टी चोरी का आरोप लगा कुछ लोग लगा रहे हैं, दरअसल राज्य सरकार ने ही जल स्वावलम्बन योजना के तहत हो रही खुदाई की मिट्टी को रॉयल्टी फ्री किया हुआ है और इसी कारण शहरवासियों को अपने लोडिंग वाहनों के माध्यम से इस मिट्टी को ले जाने का अनुरोध किया गया था। इसका व्यावसायिक उपयोग भी नहीं किया जा रहा था। शिकायत के बाद इससे खुद माइनिंग इंजीनीयर संतुष्ट थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकरण में जिला कलक्टर और प्रभारी मंत्री की भूमिका बडी ही संदेहास्पद है। महावीर जैन ने बताया कि व्हाट्स एप समुहों में सबसे पहले भाजपा ब्लॉक अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी तथा भाजयुमो जिलाध्यक्ष हेमंत पुरोहित ने समिति में सभापति ताराराम माली को शामिल नहीं किए जाने पर आपत्ति जताई थी, इसके बाद से ही इस काम में अडंगा आने की आशंका लग रही थी।
-मोदी ने कहा गलतबयानी कर रहा है प्रशासन
इस दौरान आदर्श चेरीटेबल ट्रस्ट के मुकेश मोदी ने कहा कि प्रशासन गलतबयानी कर रहा है कि उसने लाखेराव तालाब में मुख्यमंत्री जल संरक्षण अभियान के तहत हो रहे कार्यों को नहीं रुकवाया। उन्होंने प्रशासन के बयानों का खंडन करते हुए कहा कि जिला कलक्टर के निर्देश पर सिरोही उपखण्ड अधिकारी और तहसीलदार ने इस काम को रुकवाया था। मोदी ने बताया कि सवेरे सभापति उनके घर आए थे और इस संबंध में बात की थी। बाद में वह जिला कलक्टर के आवास पर भी मिले थे। कलक्टर ने डाक बंगले में आहूत बैठक में आने का कहा।
उन्होंने कहा कि सभापति के साथ सुरेश सगरवंशी, अशोक पुरोहित तथा कैलाश जोशी की मौजूदगी में बातचीत हुई। जिला कलक्टर के डाक बंगले में पहुंचने के बाद बैठक शुरू हुई। वहां पर सभापति ताराराम माली भी पहुंचे। बातचीत के दौरान सभापति ने कई बार दानदाताओं से उत्तेजित होकर बात भी की।
बाद में बडी ही तेज आवाज में लाखेराव तालाब की खुदाई करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया। सभापति के इस तरह के व्यवहार के बाद दानदाताओं ने 4.27 करोड रुपये से सिरोही नगर परिषद क्षेत्र में मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन योजना के तथा अन्य कार्यों की घोषणाओं को वापस लेने की निर्णय किया है। इस दौरान ज्ञान रमण फाउंडेशन के पंकज गांधी ने 11 लाख तथा जल बिरादरी के प्रतिनिधि आशुतोष पटनी ने पांच लाख रुपये की घोषणा भी वापस ले ली है।
-सभापति ने जारी की विज्ञप्ति
इधर, सभापति ताराराम माली ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि नगर परिषद क्षेत्र में स्थित लाखेराव तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए कटिबद्ध है। माली ने बताया कि नगर परिषद क्षैत्राधिकार के लाखेराव तालाब में पिछले दिनो स्थानीय जल संरक्षण कार्य समिति द्वारा बिना नगर परिषद को विष्वास में लिए आनन फानन में शुरू कर दिया। उन्होंने खुदाई कार्य में अपनाई गई प्रक्रिया पर व नगर परिशद को उपेक्षित किये जाने को जनहित में दुःखदायी बताया।
उन्होंने बताया कि इस में उन्होंने बुधवार केा जिला कलेक्टर महोदय को पत्र लिखकर अपनी भावनाओं से अवगत करवाया था। सभापति ताराराम माली ने गुरुवार को सम्पन्न बैठक में तालाब खुदाई कार्य में नगर परिषद को शामिल नहीं किये जाने की आपत्ति पर जिला कलेक्टर की उपस्थिति में भामाशाह द्वारा सहयोग राशि घोषणा को वापिस लेकर खुदाई कार्य बंद किये जाने पर दुःख जताया।
इस पर मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान से प्रेरित होकर सभापति ने व उपस्थित पार्षदों ने जनहित में जिला कलेक्टर के माध्यम से तकनीकी राय के आधार पर तालाब खुदाई कार्य नगर परिषद द्वारा अनवरत् शुरू रखे जाने का निर्णय किया। इस पर उपस्थित जल संरक्षण समिति सदस्यो व उपस्थितजनो ने हर्ष व्यक्त किया।
सभापति ने बताया कि कुछ लोगों ने समिति सदस्य बन जल संरक्षण की आड में ओछी मानसिकता का परिचय देकर खुदाई कार्य रुकवाने का मिथ्या झूठा व भ्रामक आरोप लगाकर व्यक्तिगत छवि को निरन्तर नुकसान पहुंचाया जा रहा है। भ्रामक प्रचार कर नगर परिषद के बारे में जनता को गुमराह किया जा रहा है। जबकि सभी जनप्रतिनिधि जनहित में प्रशासनिक तकनीकी राय तालाब खुदाई कार्य पर सहमत है एवं कभी भी किसी भी रूप में इसका विरोध नही किया है।
उन्होंने बताया कि तालाब के सौन्दर्यकरण को लेकर परिषद गंभीर है एवं निकट भविष्य में सुभाष गार्डन ट्रेक को आगे बढाते हुए आशापुरा माताजी मंदिर टेकरी तक एवं वहां से ऑवरफलो साईड पहाड़ी के सहारे-सहारे नेहरू पार्क के अंतिम छोर तक मिलाकर राउण्ड अप ट्रेक बनाने की महत्वाकांक्षी योजना पर आगामी बोर्ड बैठक में निर्णय किया जाएगा।