शिमला। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर को लेकर राजनीति गरमा गई है। विपक्षी दल भाजपा केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना में हो रही देरी के लिए ने राज्य को जिम्मेवार ठहरा रही है।
भाजपा नेता किशन कपूर ने मंगलवार को कहा कि धर्मशाला में विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने खुद तत्कालीन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर जल्द से जल्द वन भूमि को विवि के नाम स्थानांतरित करने का आग्रह किया था।
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भाजपा नेता पर पलटवार करते हुए कहा कि कांगड़ा जिले के देहरा में केन्द्रीय विश्वविद्यालय परिसर की स्थापना करने के संबंध में उन्होंने वर्ष 2013 में भारत सरकार को कोई पत्र नहीं लिखा है और इस बारे में भाजपा के पूर्व मंत्री किशन कुमार का दावा गलत है।
वीरभद्र सिंह ने एक बयान में कहा कि देहरा में केन्द्रीय विश्वविद्यालय परिसर की स्थापना के संबंध में हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को पत्र लिखे जाने से संबंधित कपूर का बयान पूरी तरह से गलत, मनगढ़ंत एवं राजनीति से प्रेरित है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आरम्भ से ही धर्मशाला में केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है और यहां तक कि मंत्रिमण्डल ने भी विश्वविद्यालय का एक समेकित परिसर धर्मशाला में स्थापित करने पर सहमति जताई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा है और वे न केवल राज्य के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि मामले पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को भी गलत सूचना दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय परिसर के लिए अप्पर धर्मशाला में चामुंडा के समीप जदरांगल में भूमि का एक बड़े भू-भाग को अन्तिम रूप भी दिया जा चुका है। यह भूमि केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उपयुक्त है तथा यह एक खुला स्थान भी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के संबद्ध कालेज जैसे इंजिनियरिंग कालेज को देहरा में स्थापित किया जा सकता है।
वीरभद्र सिंह ने भाजपा नेताओं को आगाह किया कि वे राज्य के लोगों को गुमराह करने तथा सांसद अनुराग ठाकुर के इशारे पर द्वेषपूर्ण दुष्प्रचार बन्द करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुराग ठाकुर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले देहरा में विश्वविद्यालय की स्थापना करना चाहते हैं, जिसके लिए वह राज्य सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे हैं।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने राज्य में केन्द्रीय विश्वविद्यालय तथा भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान खोलने के यूपीए सरकार के निर्णय को सम्प्रेषित किया था। इसके पश्चात, राज्य मंत्रिमण्डल ने मंडी में आईआईटी तथा केन्द्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला अथवा इसके समीप किसी उपयुक्त स्थान पर स्थापित करने का निर्णय लिया था।