लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के रविवार को संयुक्त प्रेस वार्ता और रोड शो निकाले जाने के बीच सपा के पूर्व मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि वह इस गठबन्धन के पक्ष में नहीं थे।
इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं करने की भी बात कही है। मुलायम ने सपा के कई नेताओं के टिकट काटे जाने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि हमारे जो नेता हैं जिनके टिकट कटे है वह अब क्या करेंगे। पांच साल के लिए तो मौका गंवा दिया है।
मैं इस समझौते के खिलाफ हूं और किसी भी सूरत में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार नहीं करूंगा। सपा के पूर्व प्रमुख ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी अकेले राज्य में चुनाव लड़ने और जीतने में सक्षम थी। पार्टी को किसी भी तरह के सहारे की जरूरत नहीं थी।
इससे पहले जब राहुल और अखिलेश की पत्रकार वार्ता में सोनिया गांधी और मुलायम सिंह यादव के चुनाव प्रचार करने को लेकर सवाल पूछा गया था तो अखिलेश ने कहा था कि हम दोनों पर बड़े नेताओं का आशीर्वाद बना रहे तो उसमें भी हम लड़ाई जीत जाएंगे।
वहीं जिस तरह से मुलायम ने इसके बाद चुना प्रचार से इनकार किया है, उससे ऐसा लग रहा है कि उन्होंने अखिलेश को अपना आशीर्वाद देने से इनकार कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने मुलायम के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जब पिता ने ही बेटे को आशीर्वाद नहीं दिया तो जनता क्या देगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने साफ तौर पर सपा का नेतृत्व स्वीकार कर लिया है। जनता यह सब जान चुकी है। भाजपा दो तिहाई बहुमत लेकर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी।