रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य के सभी 11 संसदीय सचिवों के पावर सीज कर दिए हैं। इस मामले पर अग्रीम फैसला 23 अगस्त को सुनाया जाएगा। ये जानकारी पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने दी।
अकबर ने कहा कि ये याचिका खुद मोहम्मद अकबर और उनके सहयोगी राकेश चौबे ने लगाई थी। देश के कई राज्यों में संसदीय सचिवों के पदों को समाप्त किए जाने के बावजूद भी राज्य में 11 संसदीय सचिव डटे हुए हैं। इसी बात को लेकर इन दोनों लोगों ने याचिका लगाई थी।
पूर्व मंत्री ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसी महीने की 26 तारीख को संसदीय सचिवों के मामले में अहम फैसला दिया था।
संसदीय सचिवों की नियुक्ति की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जे. चेल्लेमेश्वरद्व, न्यायाधीश आर.के. अग्रवाल और न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे की पीठ ने कहा कि भारतीय संविधान में संसदीय सचिवों की नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है। लिहाजा, यह असंवैधानिक है।
अकबर ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर कड़ी टिप्पणियां की है। असम में संसदीय सचिवों की नियुक्ति और उन्हें अतिरिक्त लाभ देने के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाई गई थी।