लखनऊ। शक्ति प्रदर्शन में बेटे अखिलेश के सामने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव बौने साबित होते दिख रहे हैं। उनकी बैठक में अभी तक करीब 30 विधायक ही पहुंच सके हैं। उधर एक तरफ अखिलेश यादव की मुख्यमंत्री आवास पर हो रही बैठक में करीब विधायकों (एमएलए और एमएलसी) व मंत्रियों की संख्या करीब 200 हो गई है।
अखिलेश की बैठक में प्रो. रामगोपाल यादव भी उपस्थित हैं। मुलायम ने शुक्रवार को उन्हें भी पार्टी से बाहर कर दिया था। अखिलेश के बैठक में कई मंत्री और विधान परिषद के सदस्य भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि अखिलेश की बैठक में करीब 200 विधायक पहुंच चुके हैं।
सपा मुखिया मुलायम सिंह ने भी 10.30 बजे पार्टी के प्रत्याशियों की बैठक बुलाई है। वहां भी कुछ लोगों का पहुंचना शुरु हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अखिलेश की बैठक से किसी विधायक को बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। ऐसे में जो विधायक यहां आए हैं वे मुलायम की बैठक में भाग नहीं ले पाएंगे।
एमएलसी रमेश दुबे, चंद्रा रावत, अभय नारायण पटेल, श्याम बहादुर समेत कई विधायक पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री के करीबी एमएलसी सुनील सिंह साजन ने कहा कि जो लोग मुख्यमंत्री आवास पहुंच रहे हैं वे सब अखिलेश समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश समर्थक मुलायम की बैठक में नहीं जाएंगे।
बैठक में भाग लेने पहुंचे अयोध्या के विधायक पवन पाण्डेय ने कहा कि सभी विधायक मुख्यमंत्री अखिलेश के साथ हैं। मालूम हो कि प्रो. रामगोपाल यादव को भी मुलायम ने छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया था।
आजम ने तीन बजे बुलाई मुस्लिम विधायकों की बैठक
सपा में बाप बेटे के बीच जारी शक्ति प्रदर्शन के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री आजम खान किसी भी बैठक में भाग लेने नहीं पहुंचे। उन्होंने अपने सरकारी आवास पर अपराहन तीन बजे मुस्लिम विधायकों की बैठक बुलाई है।
आजम थोड़ी देर पहले मुलायम सिंह से मिलने उनके आवास पर गए और सपा मुखिया से मिलकर वहीं से अपने आवास पर चले गए। आजम किसी भी बैठक में नहीं गए। वह मुस्लिम विधायकों के साथ अपने आवास पर ही अपराहन तीन बजे अपनी अगली रणनीति की चर्चा कर सकते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आजम खां पार्टी में एकता के प्रयास में लगे हैं। सपा मुखिया से आज उनकी हुई मुलाकात को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
मुलायम हमारे नेता मगर सीएम के रूप में अखिलेश पसन्द
दो धड़ों में बंटी समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता भी दो खेमों में बंट चुके हैं और उन्होंने अपने-अपने नेता चुन लिए हैं। इसी कड़ी में शनिवार को पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल होने पहुंचे बाहुबली नेता अतीक अहमद ने जहां मुलायम सिंह को अपना नेता माना, वहीं यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उनकी पसन्द अखिलेश यादव ही हैं।
अतीक अहमद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पार्टी में झगड़े की अगर हम वजह हैं तो हम पीछे हटने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते पार्टी में किसी भी तरह का कोई झगड़ा हो।
उन्होंने यह भी माना कि ताजा विवाद के कारण पार्टी को काफी नुकसान हो चुका है। बतादें कि सपा मुखिया की ओर से जारी पार्टी प्रत्याशियों की सूची में अतीक को कानपुर कैन्ट से टिकट दिया गया है, वहीं अखिलेश की सूची में उनका नाम नदारद है।