अजमेर। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के श्रीश्याम नगर कॉलोनी स्थित प्रभु उपहार भवन में राजयोग तपस्या कार्यक्रम का विधिवत समापन हुआ।
इस मौके पर माउंट आबू से आईं ब्रह्मकुमारी गीता बहन ने कहा कि मन का जब परमात्मा के साथ गहरा संबंध स्थापित हो जाता है तो आत्मा अपने मूल गुणों को शरीर के माध्यम से प्रतिबिंत करने लगती है। उसकी संकल्प शक्ति इतनी बढ़ जाती है कि संकल्प करने मात्र से कई चीजें ठीक होने लगती हैं।
राजयोग मन के सकारात्मक चिंतन के द्वारा एक ऐसी ऊर्जा उत्पन्न करता है,जिससे शरीर की अनेक बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
इस अवसर पर राजयोगी सूरज भाई ने कहा कि संकल्प में बड़ी शक्ति है जैसा संकल्प करते वैसा हो जाता है। मैं परम पवित्र आत्मा हू। इस संकल्प से जीवन में पवित्रता आने लगती है।
पवित्रता का बल जीवन में सुख और शांति लाता है। पवित्रता के बल से क्रोध नहीं आता है। क्योकि क्रोध मनुष्य के जीवन में अशांति पैदा करता है। घर का वातावरण शुद्ध होने लगता है।
पवित्रता ही दिव्यता है इस दिव्यता की प्राप्त कर आत्मा पूर्णतया प्रसन्नचित हो उठती है। इससे अन्तर्मन् की सम्पूर्ण अग्नि शांत हो जाती है। कार्यक्रम का संचालन बीके रूपा बहन ने किया। इस अवसर पर राजयोगनी शांता बहन, बीके अंकिता बहन, ‘सुनीता बहन एवं बीके पुरुषोतम भाई भी मौजूद रहे।