नई दिल्ली। मोदी सरकार के नए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि राजग सरकार के सामने असल चुनौती देश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। इस मुद्दे पर सबसे साथ विचार-विर्मश करके वह शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में काम करेंगे।
बुधवार को दोपहर में नए एचआरडी मंत्री जावड़ेकर स्मृति ईरानी से मिलने पहुंचे और उनसे कई मुद्दों पर बात की। बाद में जावड़ेकर ने कहा कि स्मृति ईरानी और मुरली मनोहर जोशी की सलाह से तय होगा आगे का एजेंडा।
मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद पर्यावरण मंत्री से प्रमोट होकर शिक्षा मंत्री बने प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शिक्षा मुक्तिदाता है और असल मायने में बदलाव का सबसे बड़ा एजेंट भी।
उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि शिक्षा परिवर्तन का एक हथियार है। अगर हमें अपनी शिक्षा व्यवस्था को 21वीं शताब्दी के अनुसार बनाना है तो शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने होंगे।
शिक्षा को और अधिक सार्थक बनाने पर जोर देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने की जरूरत है। सभी को अच्छी शिक्षा मिले यही हमारा लक्ष्य है। शिक्षा को छात्र केंद्रित होना आवश्यक है ताकि वह बच्चों में चरित्र निर्माण कर सके।
उन्होंने कहा कि गरीब माता-पिता भी अपने बच्चे को सबसे अच्छी शिक्षा देने की कोशिश करते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि विकास के लिए शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसलिए हमें शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में काम करना होगा। मोदी सरकार के सामने यही सबसे बड़ी चुनौती है।
जावड़ेकर ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए वह सभी के साथ विचार-विमर्श करेंगे क्योंकि यह किसी एक का नहीं बल्कि सबका विषय है।
पूर्व मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के कार्यकाल की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस विषय पर वह स्मृति ईरानी से भी चर्चा करेंगे और रूपरेखा बनाएंगे, जिन्होंने दो साल के अपने कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए और पहल की।