अजमेर। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की शिक्षा आमूलचूल परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। प्रधानमंत्री का न्यू इण्डिया का स्वप्न शिक्षा के जरिए साकार होगा। हमारा फोकस युवाओं को चुनौती स्वीकार करने के योग्य बनाने के साथ ही उनकी प्रतिभा निखारने पर भी है।
शीघ्र ही सभी स्कूलों में लर्निंग आउटकम की नीति लागू होगी। इसके तहत अभिभावकों को पता होगा कि हमारा बच्चा जिस कक्षा में है। उसमें उसकी पढ़ाई का स्तर और विभिन्न विषयों में उसकी जानकारी कितनी होनी चाहिए। यह जानकारी हैण्डबुक के जरिए शिक्षकों के पास तो होगी ही, अभिभावकों को भी पता रहेगा।
उन्होंने राजस्थान की शिक्षा की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां शिक्षा और शिक्षकों की उन्नति के लिए शानदार काम हुआ है। अजमेर। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की शिक्षा आमूलचूल परिवर्तन के दौर से गुजर रही है।
प्रधानमंत्री का न्यू इण्डिया का स्वप्न शिक्षा के जरिए साकार होगा। हमारा फोकस युवाओं को चुनौती स्वीकार करने के योग्य बनाने के साथ ही उनकी प्रतिभा निखारने पर भी है। शीघ्र ही सभी स्कूलों में लर्निंग आउटकम की नीति लागू होगी। इसके तहत अभिभावकों को पता होगा कि हमारा बच्चा जिस कक्षा में है। उसमें उसकी पढ़ाई का स्तर और विभिन्न विषयों में उसकी जानकारी कितनी होनी चाहिए।
यह जानकारी हैण्डबुक के जरिए शिक्षकों के पास तो होगी ही, अभिभावकों को भी पता रहेगा। उन्होंने राजस्थान की शिक्षा की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां शिक्षा और शिक्षकों की उन्नति के लिए शानदार काम हुआ है। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री जावडे़कर ने गुरुवार को माकड़वाली गांव में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के साथ 6.5 करोड़ की लागत से बने स्वामी विवेकानंद माॅडल स्कूल का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जावडे़कर ने कहा कि केन्द्र सरकार देश की शिक्षा को युवानुकूल व युगानुकूल बनाने के लिए कई सकारात्मक परिवर्तन करने जा रही है। इसके तहत सभी स्कूलों में लर्निग आउटकम की नीति लागू होगी। इसके तहत अभिभावकों को अपने बच्चे की शिक्षा का स्तर पता होगा।
उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि प्रतिदिन अपने बच्चों से पूछें कि आज आपके शिक्षक स्कूल आए या नहीं, स्कूल में क्या पढ़ाया गया और स्कूल के बाद आपने घर पर दो घण्टे अध्ययन किया या नहीं। यह सोशल आॅडिट है जो शिक्षा को बेहतर करेगी। उन्होंने कहा कि अब देश में वह माहौल बन रहा है। जब प्राइवेट स्कूलों को सरकारी स्कूलों से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ेगी।
राजस्थान इसका जीता जागता उदाहरण है जहां 17 लाख बच्चों का नामांकन सरकारी स्कूलों में बढ़ा है। उन्होंने कहा कि देश में सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए दूरस्थ शिक्षा के जरिए बीएड की शुरूआत की गई है। वर्ष 2019के पश्चात एक भी अप्रशिक्षित शिक्षक स्कूलों में नहीं पढ़ा पाएगा।
उन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम में सुधार की घोषणा करते हुए कहा कि अब कक्षा पांच और आठ में भी परीक्षाएं होगी। केन्द्र सरकार ने दसवीं में भी वैकल्पिक बोर्ड परीक्षा की व्यवस्था पिछले साल ही समाप्त कर दिया है। जावडे़कर ने मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे और शिक्षा राज्य मंत्री देवनानी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजस्थान ने बहुत अच्छा काम किया है।
उन्होंने कहा कि 30 साल पहले आॅपरेशन ब्लैक बोर्ड ने देश की शिक्षा को नई गति दी थी। अब समय आ गया है जब स्कूलों को आॅपरेशन डिजीटल बोर्ड से जोड़ दिया जाए।
केन्द्र सरकार सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा के इरादे के साथ काम कर रही है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान करें तथा सरकारी स्कूलों में शिक्षा के उन्नयन के लिए सहयोग करें। शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द माॅडल स्कूूल ग्रामीण क्षेत्रों में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति के वाहक बनेेंगे।
विवेकानन्द का जीवन हमें चरित्र का गठन, मनोबल और बुद्धि का विकास तथा स्वावलम्बी बनना सिखाता है। राज्य सरकार ने भी इन्हीं मूल मंत्रों को ध्यान में रखकर अपनी शिक्षा नीति को आगे बढ़ाया है।
हमने पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों के ज्ञान का आधार मजबूत किया। वही शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण उन्हें राहत प्रदान की। राज्य में एक लाख शिक्षकों का प्रमोशन किया गया है। यह शिक्षकों की मेहनत ही है कि हमारे परीक्षा परिणाम में 16.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में अभिभावकों का विश्वास बढ़ा है। यह मुख्यमंत्री राजे के नेतृत्व में टीम राजस्थान एजूकेशन की जीत है।
सरकारी स्कूलों में 17 लाख नामांकन बढ़े है। उन्होंने कहा कि आगामी 25 सितम्बर से 2 अक्टूबर तथा 12 जनवरी 2018 से 23 जनवरी तक प्रदेश की स्कूलों में शिक्षा सम्बलन का कार्यक्रम चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान की शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार फोर एस फार्मूले पर काम कर रही है। यह फोर एस यह स्मार्ट क्लास रूम, स्पोर्टस, स्किल डवलपमेंट और सेंसिविटी।
इसके आधार पर विद्यार्थियों का सम्पूर्ण विकास होगा। शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने में सहयोग करेंगी। शिक्षा को सुचारू रखने के लिए नई भर्तियों के साथ ही रिक्त पदों को भी भरा जा रहा है। वर्तमान में राज्य में शिक्षकों के सिर्फ 24 प्रतिशत पद खाली है शीघ्र ही यह आंकड़ा घटकर 11 प्रतिशत रह जाएगा। शिक्षा सचिव नरेश पाल गंगवार ने राजस्थान में शिक्षा की स्थिति एवं नवाचारों की जानकारी दी।
जिला प्रमुख वंदना नोगिया ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में महापौर धर्मेन्द्र गहलोत, एडीए अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा, बीजेपी शहर अध्यक्ष अरविन्द यादव, प्रो. बीपी सारस्वत, ओमप्रकाश भड़ाना, प्रधान सुनिता रावत, संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय मीना, पुलिस महानिरीक्षक मालिनी अग्रवाल, जिला कलक्टर गौरव गोयल, पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, स्कूली बच्चे एवं शिक्षक उपस्थित थे।