लखनऊ। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी को उत्तर प्रदेश का नया अध्यक्ष बनाने की अटकलें चल रही हैं।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री ने सोमवार को देर रात अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया था। पार्टी सूत्रों की माने तो खत्री का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है। लेकिन अभी तक कांग्रेस पार्टी ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं की बैठक भी चल रही है। प्रियंका गांधी ने प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद के घर जाकर मिली हैं। ऐसे में चर्चा है कि प्रियंका को प्रदेश में अहम जिम्मेदारी देने के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर भी चर्चा प्रस्तावित थी।
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले खासकर ब्राह्मण समुदाय से राज्य के लिए नया प्रदेश प्रमुख की खोज कर रही है।
कांग्रेस के उत्तर-प्रदेश और पंजाब के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को अपने परम्परागत वोट बैंक ब्राह्मण और मुस्लिम पर ध्यान केंद्रीत करने को कहा है।
इसके बाद ही गुलाम नबी आजाद को यूपी कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया गया जिसके बाद से ही निर्मल खत्री के इस्तीफे को लेकर कयास लगाए जाने लगे थे।
माना जा रहा है कि मंगलवार को नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है। इस रेस में प्रमोद तिवारी का नाम सबसे आगे है। हलांकि पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद और पूर्व सांसद राजेश मिश्रा के नाम भी चल रहे है।
प्रमोद तिवारी की खासियत
प्रमोद तिवारी का 10 बार विधायक चुने जाने का रिकार्ड है। प्रमोद तिवारी 1980 में रामपुर खास से पहली बार जीते थे। लम्बे समय तक वह कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता भी वह रहे हैं।
इस समय रामपुर खास से उनकी बेटी आराधना मिश्रा मोना विधायक है। वर्तमान में वह राज्यसभा के सांसद हैं। प्रमोद तिवारी 1984 से 1989 के बीच 2 बार राज्य मंत्री बने। प्रमोद प्रतापगढ़ में कई कॉलेजों के अध्यक्ष भी हैं। प्रमोद तिवारी मिलनसार व्यक्तित्व के हैं और क्षेत्र की जनता में उनकी अच्छी पकड़ है।