नई दिल्ली। सहारा और बिरला के यहां छापों के दौरान मिले दस्तावेजों की जांच के मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण और जस्टिस जेएस खेहर के बीच कहासुनी हो गई।
प्रशांत भूषण ने कहा कि आपको इस मामले की सुनवाई से हट जाना चाहिए क्योंकि आपके चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्ति की फाइल केंद्र सरकार के पास लंबित है। इस पर जस्टिस खेहर नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि क्या आपको लगता है कि सुप्रीम कोर्ट किसी के सामने झुक जाएगी।
बेंच के दूसरे जज जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि ये कोर्ट की अवमानना है। जस्टिस खेहर ने कहा कि आपको पहले डेट में ही आपत्ति उठानी चाहिए थी। भूषण के साथ इस कहासुनी के बाद ऐसा संदेश गया कि जस्टिस खेहर सुनवाई से हट गए हैं।
लेकिन दोनों जजों ने बाद में आपस में बात की और कहा कि ये मामला चीफ जस्टिस के पास साढ़े तीन बजे भेजा जाएगा और दूसरी बेंच गठित करने को कहा जाए या फिर मामले को स्थगित कर दिया जाए। इसके बाद अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस मामले को फिलहाल स्थगित कर दिया जाए। तब दोनों जजों ने इस पर अगली सुनवाई की तिथि 11 जनवरी को नियत की।
प्रशांत भूषण ने कहा कि इनकम टैक्स की जो रिपोर्ट मेरे पास है उसमें कई ठोस सबूत हैं। रिपोर्ट के चार खंडों में से दो पढ़ लिए हैं, दो और पढ़ने हैं। मैं कोर्ट में विस्तृत हलफनामा दूंगा और अगर कोर्ट चाहे तो मैं आज भी बहस के लिए तैयार हूं।
आपको बता दें कि याचिका में कहा गया है कि इनकम टैक्स के छापे में सहारा के ऑफिस से एक डायरी मिली थी, जिसमे कथित रूप से यह लिखा है की 2003 में गुजरात के मुख्यमंत्री को 25 करोड़ रुपए घूस दी गई। उस समय नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इनके अलावा तीन और मुख्यमंत्रियों को भी घूस दी गई।
भूषण के मुताबिक इनकम टैक्स ने अपनी रिपोर्ट में ये बातें कहीं हैं। याचिका में उन्होंने इस मामले की एसआईटी जांच की मांग की है। इससे पहले भी सुनवाई में जस्टिस खेहर ने सहारा के दस्तावेजों को पर्याप्त साक्ष्य मानने से इनकार कर दिया था और प्रशांत भूषण को कहा था कि आप पर्याप्त साक्ष्य लेकर आएं तब बड़े लोगों पर आरोप लगाएं अन्यथा आपकी याचिका खारिज कर दी जाएगी।