चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस की चुनावी रणनीति तैयार कर रही टीम ने प्रशांत किशोर के लिए प्रदेशाध्यक्ष कै. अमरेंद्र सिंह की छवि में बदलाव लाने का कार्य आरम्भ कर दिया है।
अमरेंद्र पटियाला के शाही घराने से संबंधित हैं इसलिए उन्हें कांग्रेस के अंदर व बाहर महाराजा साहिब के तौर पर देखा जाता रहा है। उनकी कार्यशैली और अनेक आदतें भी शाही घराने वाली ही हैं। उनके इर्द-गिर्द दिखने वाला दरबारी कल्चर भी उन्हें आम जनता से दूर रखता है।
प्रशांत किशोर ने इन्हीं सभी बिंदुओं को पहचानकर अमरेंद्र के खिलाफ अतीत में हुई शिकायतों का निवारण करने हेतु एक विस्तृत रणनीति तैयार कर उसे अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है।
अमरेंद्र के खिलाफ सबसे पहली शिकायत थी कि 74 वर्षीय कैप्टन सुबह देर से उठते हैं और शाम को जल्दी रिटायर हो जाते हैं, जिसके चलते वह आम जनता से संपर्क स्थापित नहीं कर पाते। लेकिन प्रशांत किशोर की सलाह पर अमरेंद्र अब अपनी छवि महाराजा से बदलकर भारतीय सेना के एक पूर्व कैप्टन के रूप में बदल रहे हैं। अमरेंद्र अपने आपको आम जनता से मेलजोल के लिए भी अधिक उपलब्ध करवा रहे हैं।
टीम प्रशांत किशोर का कहना है कि अमरेंद्र अब प्रात: जल्दी उठकर 7.30 बजे से ही पार्टी कार्यकत्र्ताओं से मीटिंग शुरू कर देते हैं। यह काम देर सायं तक चलता रहता है। लोगों के साथ मेलजोल बढ़ाने के लिए विशेषतौर पर कॉफी विद कैप्टन प्रोग्राम तैयार किया गया है। जो शाम को 6.30 बजे आरंभ होता है और 8 बजे तक चलता रहता है।
आने वाले दिनों में कुछ इसी प्रकार के कार्यक्रम ढाबों, रैस्टोरैंटों तथा खाने-पीने के अन्य स्थानों पर भी आयोजित किए जाएंगे, ताकि इस प्रभाव को खत्म किया जा सके कि अमरेंद्र अंधेरा होते ही लुप्त हो जाते हैं।
यहां दिलचस्प बात यह है कि अमरेंद्र ने हाल ही में पंजाब के विभिन्न जिलों में पार्टी कार्यकत्र्ताओं की कई बैठकों को संबोधित किया है। ये बैठकें कई जगहों पर लंबी ङ्क्षखची हैं। कई अन्य स्थानों पर कांग्रेसी वॉलंटियर्स में खींचतान भी देखने को मिली है।
लेकिन सब मिलाकर जनता में प्रभाव अच्छा ही गया है, क्योंकि इन सभी कार्यक्रमों में अमरेंद्र खुद उपस्थित रहे हैं। कई बैठकों में अमरेंद्र को बड़े टेढ़े सवालों का भी सामना करना पड़ा है। जिसका उन्होंने बिना किसी हिचकचाहट के साफ शब्दों में उत्तर भी दिया है।