जयपुर। प्रदेशभर में जून 1999 के बाद बिना अनुमति अवैध रूप से बसी कॉलोनियों का सरकार नियमन करेगी। इसके लिए नगरीय विकास विभाग ने एक प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजा है।
सभांवान है कि प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिल सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान भी यह छूट दी गई थी।
कृषि भूमि पर यूआईटी, विकास प्राधिकरण या अन्य निकाय से बिना अनुमति के कृषि पर बिना 90-ए करवाए कॉलोनियां बसा दी। उन कॉलोनियों के नियमन की राह खोली थी। नियमन के तहत भूखण्डधारियों से पेनल्टी भी वसूली गई थी।
17 जून 1999 के बाद गृह निर्माण सहकारी समितियों पर कॉलोनियां बसाने के लिए राज्य सरकार ने पाबंद लगा दी थी, जो आज तक लागू है।
गृह निर्माण सहकारी समितियों पर पाबंदी लगने के बाद कई किसानों या खातेदारों या विकासकर्ताओं ने निकायों से बिना अनुमति लिए ही कृषि भूमियों पर कॉलोनियां सृजित कर पंजीकृत व गैर पंजीकृत दस्तावेजों के आधार पर भूखण्ड बेच दिए थे।
इस तरह की बसी कॉलोनियों में भूखण्डधारी रह रहे है। इस तरह अवैध तरीके से बसी कई कॉलोनियों में बिजली, पानी, सीवर आदि की सुविधाएं भी है, लेकिन आज तक कॉलोनियों का नियमन नहीं हुआ।
सरकार ने अब इन कॉलोनी में रहने वाले भूखण्डधारियों को राहत देने का निर्णय करते हुए इन कॉलोनियों के नियमन की तैयारी कर ली है।