मुुंबई। बॉलीवुड की कई फिल्मों को लेकर सेंसर बोर्ड से विवाद होने के बीच फिल्मकार महेश भट्ट ने कहा है कि निर्माता ऐसे दौर में पहुंच गए हैं जहां वे किसी समस्या से बचने के लिए विषय वस्तु की ‘प्री सेंसरशिप’ कर रहे हैं।
इसी साल शाहिद कपूर और आलिया भट्ट की फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को लेकर निर्माता तथा फिल्म सेंसर बोर्ड सीबीएफसी के बीच विवाद हुआ था और मामला उच्च न्यायालय तक गया। हाल ही में कैटरीना कैफ अभिनीत ‘बार बार देखो’ में भी बोर्ड ने कुछ सीन हटाने को कहा था।
भट्ट ने कहा कि ऐसा दौर है जब निर्देशक अपनी कहानी स्क्रीन पर नहीं दिखाना चाहता क्योंकि उसे डर है कि उच्च अधिकारी उसे आजादी के साथ ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे।
भट्ट ने कहा कि प्रतिगामी सरकारों और देशों का खतरा है। आज कई ऐसे उदाहरण हैं जहां ‘प्री सेंसरशिप’ वास्तविकता बन गई है।
उन्होंने कहा कि कई ऐसे मौके होते हैं जब आप कोई खास कहानी या दृश्य के फिल्मांकन की संभावना को खत्म कर देते हैं क्योंकि आपको डर होता है कि आप पर शासन करने वाली ताकतें आपको अनुमति नहीं देंगी।
67 वर्षीय भट्ट की अगली फिल्म ‘राज रिबूट’ है जिसमें इमरान हाशमी और कृति खरबंदा ने अभिनय किया है। इस हॉरर फिल्म को सेंसर बोर्ड ने ‘ए’ प्रमाण पत्र दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस फिल्म के एक दृश्य को लेकर भी सेंसर बोर्ड से परेशानी हुई। यह फिल्म 16 सितंबर को प्रदर्शित हो रही है।